
रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने आज ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से मद्महेश्वर धाम के लिए प्रस्थान किया। केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग ने इससे पहले विधि विधान से पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट इस यात्रा वर्ष में 21 मई को पूर्वाह्न 11ः 30 बजे खुलेंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को फूलों से सजाया गया है।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 18 मई को मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ परिसर में विराजमान हो गई। आज ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रथम पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी प्रवास के लिए प्रस्थान हुई है। 20 मई द्वितीय पड़ाव गौंडार में रहेगा और 21 मई सुबह को श्री मद्महेश्वर पहुंचेगी और इसी दिन 21 मई को कर्क लग्न में पूर्वाह्न 11ः30 बजे द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट खुलेंगे।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आज के पुनीत अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती और उपाध्यक्ष विजय कपरवाण ने महेश्वर यात्रा शुरू होने पर प्रसन्नता जताई है। मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मद्महेश्वर यात्रा की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
भगवान मद्महेश्वर की डोली के प्रथम पड़ाव रवाना होने के अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग सहित बीकेटीसी पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत,वरिष्ठ पुजारी शिवशंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग, मद्महेश्वर के पुजारी शिवलिंग स्वामी, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, ओंकारेश्वर मंदिर प्रभारी रमेश नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता देवानंद गैरोला भंडार प्रभारी देवी प्रसाद तिवारी, पंच
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