मुंबई। मलाड के मालवानी पुलिस ने पैसों के विवाद में एक 45 वर्षीय महिला, जिसकी पहचान एक सेक्स वर्कर के रूप में हुई है की हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कथित तौर पर एक ऑटो में हुई तीखी बहस के बाद दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया, शव को मालवानी चर्च के पास एक सुनसान शेड में फेंक दिया और आगरा स्थित अपने पैतृक गांव भाग गया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान चंद्रपाल रामखिलाड़ी सिंह उर्फ नेता (34) के रूप में हुई है।
मालवानी पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के मुताबिक, अपराध वाली रात, पीड़िता मार्वे रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के पास ग्राहकों से संपर्क कर रही थी। आरोपी, जो मुश्किल से 20 दिनों से मुंबई में था और बिना वैध लाइसेंस के ऑटो-रिक्शा चला रहा था, उसके पास आया और 600 रुपये में बातचीत करने के बाद, वह उसे लगून रोड पर एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने उसके ऑटो-रिक्शा में ही यौन संबंध बनाने की कोशिश की। आरोपी ने शराब पी रखी थी और वह ऐसा करने में नाकाम रहा। इसके बाद पीड़ित महिला ने जल्दी जाने की ज़िद की, जिससे दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। तभी गुस्से में आकर आरोपी ने उसके दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फिर वह शव को अपने रिक्शे में ले गया और सावंत वाड़ी, मालवानी चर्च के पास एक शेड में छोड़कर फरार हो गया। आरोपी सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा के पास एक गरीब परिवार से था, जहां वह अपनी बुज़ुर्ग मां और छोटे भाई के साथ रहता था और बड़ी मुश्किल से परिवार का गुज़ारा कर पाता था। वह जो भी कमाता था, उससे कथित तौर पर अपनी मां की मदद के लिए Google Pay के ज़रिए रोज़ाना 50-60 रुपये भेजता था।
पुलिस ने बताया कि जांच विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि अपराध स्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। जासूसों ने उस पेट्रोल पंप से फुटेज खंगाला जहां पीड़िता को आखिरी बार देखा गया था। उन्होंने उसे एक रिक्शे पर चढ़ते हुए देखा जिसके पीछे तिरंगे की पट्टी लगी थी। लेकिन नंबर प्लेट स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था, पुराने फुटेज की जांच से पता चला कि वही रिक्शा नियमित रूप से ईंधन भरवाने के लिए पंप पर आता था।
इससे पुलिस को रिक्शे के मालिक का पता चला। पूछताछ के दौरान, मालिक ने खुलासा किया कि ड्राइवर (आरोपी) उसकी 1,700 रुपये की बचत लेकर जल्दी में चला गया था, यह कहते हुए कि गांव में उसके भाई ने कुछ गलत किया है और एफआईआर दर्ज की जा रही है। मोबाइल सीडीआर विश्लेषण और मुखबिरों से मिली जानकारी के साथ, पुलिस आरोपी के पैतृक गांव तक पहुंची और उसे गिरफ्तार करने में कामयाब रही। बाद में उसे आगे की कार्यवाही के लिए मुंबई वापस लाया गया।
परिमंडल- 12 के पुलिस उपायुक्त (DCP) संदीप जाधव ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि हमने 12 टीमें बनाई थीं, जिनमें से प्रत्येक ने अपना काम पूरी मेहनत और लगन से किया। उनके संयुक्त प्रयासों से हमें मामले को सुलझाने और आरोपी को पकड़ने में मदद मिली। आरोपी को अदालत में पेश किया गया और छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी सिंह हाल ही में मुंबई आया था और अवैध रूप से ऑटो-रिक्शा चलाते हुए एक साझा किराए के कमरे में रह रहा था। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या किसी अन्य अपराध से उसका कोई संबंध है या नहीं?
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