उज्जैन। विक्रमादित्य शोध संस्थान एवं फेडरल बैंक के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण संरक्षण एवं समरसता का संदेश देती इस्कॉन की रथ यात्रा की वापसी 5 जुलाई को होगी। कालिदास संस्कृत अकादेमी परिसर से यह रथ यात्रा इस्कान के लिए अपरांह 4 बजे प्रस्थान करेगी।
इस्कान मंदिर के पीआरओ राघव पण्डित दास ने बताया कि भगवान जगन्नाथ और बलराम तथा बहन सुभद्रा के तीन रथों का विश्राम कालिदास संस्कृत अकादेमी परिसर में अस्थायी रूप से बनाए गए गुंडिचा मंदिर में हुआ है। यहां विविध सांस्कृतिक-धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। उन्होने बताया कि भगवान द्वारा 7 दिनों तक गुंडिचा मंदिर में विश्राम के पश्चात 5 जुलाई को अपरांह 4 बजे रथ यात्रा वापसी करेगी।
रथ यात्रा अपरांह 4 बजे कालिदास संस्कृत अकादमी से प्रारंभ होकर अपना स्वीट, देवास रोड होकर महाश्वेता नगर में स्पोट्र्स एरीना के सामने से बिरला चौराहा होते हुए इस्कान मंदिर पहुंचेगी। रथयात्रा में तासा पार्टी, डीजे, कीर्तन मंडली, नृत्य मंडली, रथ, जनरेटर, प्रसाद वाहन, पानी टैंकर, एम्बुलेंस, सफाई पार्टी सहित बड़ी संख्या में भक्त शामिल होंगे। सभी श्रद्धालुजन एवं नगरवासी वापसी रथ यात्रा में सहभागी बनेंगे।
राघव पंडित दास ने बताया कि कालिदास अकादमी परिसर में भव्य गुंडिचा मंदिर की स्थापना की गई है,जहां प्रतिदिन आरती-कथा-कीर्तन-प्रसाद वितरण व सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हो रही हैं। गुरुवार को अर्चना आप्टे,आकार सांस्कृतिक संस्थान,शिवोम् नृत्य संस्थान,जगाई-माधाई उद्धार द्वारा प्रस्तुतियां दी गई।
4 जुलाई को श्लोक पाठ,विचित्र वेशभूषा,समूह नृत्य,एकल नृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। यहां इंद्रद्युम्न महाराज का उज्जैन से संबंध और जगन्नाथ भगवान का प्राकट्य, भगवान जगन्नाथ की समरसता का संदेश देती हुई चित्र प्रदर्शनी अवलोकनार्थ रहेगी। इस्कॉन द्वारा विदेशों में रथ यात्रा का प्रवर्तन दर्शाते हुए प्रदर्शनी रहेगी। भागवत कथा का समय सांय 7:30 से 8:30 बजे तक रहेगा।
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