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शर्मसार हुई इंसानियत! प्रधानाचार्य ने महिला टीचर्स पर गन्दी नजर रखने के लिए लगवाये कैमरे, खुलासा होते मचा बवाल

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भरतपुर जिले के उच्चैन स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में एक महिला शिक्षिका द्वारा प्रधानाचार्य के खिलाफ गंभीर शिकायत की गई है। इसमें हैरानी की बात यह है कि शिकायत की दूसरी बार जांच की जा रही है। पहली शिकायत की जांच रिपोर्ट के बारे में अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जबकि दूसरी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। अभी तक कमेटी भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। अब जिला कलेक्टर से पत्र मिलने के बाद एडीएम प्रशासन ने संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा को जांच सौंप दी है।

जानकारी के अनुसार 8 अप्रैल 2025 को शिक्षिका व अन्य महिला स्टाफ ने जिला कलेक्टर को महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय उच्चैन के प्रधानाचार्य के खिलाफ लिखित में शिकायत की है। इसमें उल्लेख किया है कि जो स्टाफ रूम महिला कार्मिक को आवंटित किया गया था। उसमें जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, ताकि वे महिलाओं पर गंदी नजर रख सकें। चूंकि महिला कार्मिक उस रूम में कपड़े ठीक करने भी जाती हैं। जब प्रधानाचार्य से शिकायत की गई तो उन्होंने स्टाफ रूम पर ताला जड़ दिया और उन्हें कार्यालय में बैठने को मजबूर कर दिया। जब भी किसी महिला कर्मचारी को छुट्टी आदि की जरूरत होती है तो प्रिंसिपल उनसे मोबाइल पर छुट्टी का मैसेज भेजने और कॉल करने को कहते हैं। 

इसके बदले में प्राइवेट टीचर के नाम पर लंबी अवधि की छुट्टी चाहने वाली महिला कर्मचारियों से पैसे ऐंठे जाते हैं। सीसीएल के बदले में अन्य महिला टीचरों से भी पैसे लिए गए हैं। हाल ही में स्कूल से पदोन्नत हुई महिला टीचर का पीएल सर्विस बुक रिव्यू के नाम पर कम कर दिया गया। छात्राओं के सामने भी महिला टीचरों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। एडीएम प्रशासन ने संयुक्त निदेशक विद्यालयी शिक्षा विनोद कुमार को जांच के आदेश दिए हैं। इसमें पत्र में उल्लेखित तथाकथित बिंदुओं के संबंध में अपने स्तर पर जांच करते हुए बिंदुवार तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। 

आरोप... समय पर वेतन नहीं दिया जाता शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक लेक्चरर और प्रिंसिपल के बीच विवाद के चलते स्कूल में आए दिन विभागीय जांच चल रही है। इन जांचों में प्रिंसिपल हमेशा अपने पक्ष में बयान देने के लिए दबाव बनाते हैं और अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो हमें बिना वजह परेशान किया जाता है। कर्मचारियों का वेतन भी साल में शायद दो-चार महीने ही समय पर मिलता है। अन्यथा वे हमेशा कोई न कोई बहाना बनाकर वेतन निकालने में देरी करते रहते हैं। ताकि वे प्रिंसिपल के सामने गिड़गिड़ा सकें और बदले में महिला शिक्षकों को उनके सामने बैठाकर अनुचित मांगें कर सकें।

अधिकारियों का दबाव... किसी तरह हो जाए इस्तीफा
बताया जाता है कि शिकायत के बाद स्टाफ के अलावा अन्य लोगों के बयान भी लिए गए हैं। अब तक एक शिक्षक ने प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत के दस्तावेज भी कमेटी के सामने पेश किए हैं। हालांकि एक बात यह भी सामने आई है कि स्टाफ पर कुछ अधिकारियों ने इस्तीफा देने का दबाव भी बनाया है। इसमें एसडीएमसी के जरिए समझौता करने का प्रयास भी किया गया।

कमेटी की रिपोर्ट आना बाकी
महात्मा गांधी राजकीय स्कूल उच्चैन के प्रिंसिपल के खिलाफ जिला कलेक्टर की ओर से शिकायत आई है। इस संबंध में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें जांच अधिकारी सीबीईओ देवेंद्र सिंह, एडीईओ कुहेर, डीईओ ऑफिस नीलमा, एसीबीईओ संगीता फौजदार एक बार जांच कर चुके हैं। टीम एक बार फिर जांच करेगी। अभी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है।

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