राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंगलवार (27 मई) को सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। इस पत्र में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष ने स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। जूली ने पत्र में लिखा है कि इस छात्रवृत्ति योजना में आवेदन प्रक्रिया में देरी के कारण छात्रों को निराशा का सामना करना पड़ा है। कुछ छात्रों को तो शिक्षा ऋण भी लेना पड़ा। पत्र के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से इस योजना को सुचारू रूप से चलाने और समय पर आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
2021 में शुरू हुई छात्रवृत्ति
टीकाराम जूली ने पत्र में लिखा है कि अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान के जरूरतमंद छात्रों को दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में शिक्षा दिलाने के लिए 2021 में राजीव गांधी छात्रवृत्ति फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना शुरू की थी। इसके बाद इस योजना का नाम बदल दिया गया, जिसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
पिछले साल खाली रह गई थी 143 सीटें
जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। आवेदन प्रक्रिया में देरी के कारण पिछले साल 143 सीटें खाली रह गई थी। सितंबर 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, जबकि 12वीं कक्षा के नतीजे आ गए हैं। जूली ने एक वीडियो में कहा कि हमारी सरकार ने विदेश में पढ़ने के इच्छुक बच्चों के लिए राजीव गांधी के नाम पर एक योजना शुरू की थी।
अब सरकार ने योजना का नाम बदल दिया है। खैर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अब वे योजना को कमजोर करने में लगे हैं। पहले बच्चों को बैंक से भीख मांगनी पड़ी और अब 12वीं कक्षा का रिजल्ट भी आ गया है। अभी कई सीटें खाली हैं। मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि लोगों को इस योजना का लाभ जल्द मिले और सीएम यह भी सुनिश्चित करें कि गरीब और पिछड़े बच्चों को इस विशेष योजना का लाभ मिले, उन्हें भी इसमें नंबर मिले।
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