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अब कसेगी मिलावटखोरी पर लगाम! राजस्थान में शुरू आज से शुरू होगा ग्रीष्मकालीन अभियान, हर FSO के सामने रखा 60 नमूने लेने का लक्ष्य

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आमजन को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार एक बार फिर सक्रिय हो गई है। 19 अप्रैल से शुरू हो रहे ग्रीष्मकालीन मिलावट विरोधी अभियान के जरिए अब मिलावटखोरों पर सीधा प्रहार किया जाएगा। यह अभियान 5 मई तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य गर्मी के मौसम में अधिक खपत होने वाली खाद्य सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करना है। इस बार अभियान पहले से ज्यादा सख्त होगा। खाद्य सुरक्षा आयुक्त एच. गुइटे ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान पूरी पारदर्शिता और निगरानी के साथ चलाया जाएगा।

प्रदेश के हर खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) को 60 नमूने लेने का लक्ष्य दिया गया है। यानी अकेले इस अभियान में 6000 से ज्यादा खाद्य नमूनों की जांच की जाएगी। खास बात यह है कि इस बार पहले दिन से ही खाद्य निर्माण इकाइयों पर नजर रखी जाएगी। गर्मी में ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे मिठाई, आइसक्रीम, डेयरी उत्पाद, शीतल पेय, बर्फ और फलों पर विशेष फोकस रहेगा। खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय प्रतिदिन इस अभियान की प्रगति की निगरानी करेगा तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

निरामय राजस्थान की दिशा में एक बड़ा कदम
सरकार की इस पहल को 'निरामय राजस्थान' की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। न केवल नमूने लिए जाएंगे, बल्कि मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि यह अभियान दो चरणों में चलेगा। पहले चरण में विनिर्माण इकाइयों को शामिल किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में थोक विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं को भी इस दायरे में लाया जाएगा।
इस पूरे अभियान से न केवल उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि मिलावटखोरों को भी स्पष्ट संदेश जाएगा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार का यह कदम न केवल लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि लंबे समय में खाद्य गुणवत्ता में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
अब देखना यह है कि यह अभियान कितना कारगर होता है और क्या वाकई राजस्थान की रसोई मिलावट से मुक्त हो पाएगी।

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