देश-प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र बाबा श्याम के दर्शन आज रात 10 बजे से अगले 19 घंटे तक आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। मंदिर परिसर को विशेष पवित्र जल से धोने और साफ करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह प्रक्रिया पूरी रात जारी रहेगी और इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
कल, शनिवार को सिंजारा के अवसर पर बाबा श्याम को विशेष तिलक श्रृंगार दिया जाएगा, जो लगभग 6 से 7 घंटे का होगा। यह विशेष तिलक चंदन के एक विशेष लेप से किया जाता है, जिसे बाबा के माथे से गालों तक लगाया जाता है। गौरतलब है कि यह श्रृंगार अगली अमावस्या के शाही स्नान तक एक जैसा ही रहता है और इस दौरान बाबा के श्रृंगार में कोई कमी नहीं की जाती है।
इस अवसर पर भक्तों को बाबा श्याम के दो अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन होते हैं। एक रूप में वे कृष्णमयी श्यामल रूप में दर्शन देते हैं, वहीं विशेष तिलक-श्रृंगार के बाद भगवान विष्णु के भव्य स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। यह पर्व भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभूति और आस्था का प्रतीक बन जाता है।
बाबा खाटू श्याम के तिलक-श्रृंगार का धार्मिक महत्व समझें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह श्रृंगार बाबा श्याम को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त तिलक-श्रृंगार में बाबा श्याम के दिव्य दर्शन प्राप्त करता है, उसे शांति और सुख की प्राप्ति होती है। तिलक-श्रृंगार में विशेष प्रकार के चंदन, फूल, वस्त्र आदि का प्रयोग किया जाता है और इसमें 4 से 5 घंटे का समय लगता है। तिलक-श्रृंगार में विशेष चंदन का प्रयोग किया जाता है। बाबा श्याम को माथे से गालों तक चंदन का तिलक लगाया जाता है। इसके बाद बाबा श्याम का फूलों और वस्त्रों से श्रृंगार किया जाता है। विशेष अवसरों पर यह श्रृंगार और भी भव्य तरीके से किया जाता है।
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