Next Story
Newszop

पाकिस्तान भारत के मिसाइल हमलों को क्यों नहीं रोक पाया?

Send Push
Getty Images मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली में रडार और अन्य उपकरण होते हैं जो हमलावर विमानों का पता लगाते हैं

आप इसराइल की मशहूर एयर डिफ़ेंस सिस्टम 'आयरन डोम' या 'डेविड्स स्लिंग' के बारे में जानते होंगे, जिसे एडवांस्ड मिसाइल शील्ड कहा जाता है.

चाहे ईरान की ओर से मिसाइल हमला हो, हमास ने रॉकेट दागे हों या हूती विद्रोहियों के ड्रोन हों, जैसे ही ये इसराइली हवाई क्षेत्र में प्रवेश करती हैं, उन्हें इन स्वचालित रक्षा प्रणालियों की मदद से हवा में ही नष्ट कर दिया जाता है.

युद्ध की स्थिति में किसी भी देश की वायु रक्षा प्रणाली का बहुत महत्व होता है. रक्षा प्रणाली में मिसाइल रोधी प्रणालियों के साथ-साथ रडार और अन्य उपकरण भी शामिल हैं, जो हमलावर विमानों का पता लगाते हैं और उन पर नज़र रखते हैं.

भारत ने एक दिन पहले 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई स्थानों पर हमले किए. भारत का कहना है कि उसका निशाना 'आतंकवादी ठिकाने' थे.

image Getty Images भारत ने रूस के सहयोग से ब्रह्मोस मिसाइलें विकसित की हैं जिन्हें ज़मीन, हवा, समुद्र और सब-सी प्लेटफ़ॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है

भारत का ये भी कहना है कि ये कार्रवाई पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ की गई थी.

पाकिस्तानी सेना के अनुसार, छह मई की रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चले इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में मस्जिदों और नागरिकों को निशाना बनाया गया.

जबकि भारत ने कहा कि उसने केवल 'आतंकी ढांचों' को टारगेट किया.

भारत ने ये स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों में किस प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी ने कहा कि भारत ने छह स्थानों पर विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल करते हुए कुल 24 हमले किए.

पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि भारत के मिसाइल हमलों के जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना के पांच लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराया.

भारत ने इस दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीबीसी स्वतंत्र रूप से इन दावों की पुष्टि नहीं करता है.

मिसाइल गिरने की घटना पहली नहीं

ऐसा पहली बार नहीं है कि भारत की ओर से कोई मिसाइल पाकिस्तानी धरती पर गिरी हो.

मार्च 2022 में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू शहर के पास गिरी थी. हालाँकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ.

हालाँकि भारत ने इस घटना के संबंध में एक बयान में कहा था कि मिसाइल ग़लती से पाकिस्तान की ओर दागी गई थी.

पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक बाबर इफ़्तिख़ार ने मीडिया को विस्तृत जानकारी देते हुए कहा था कि पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश करने वाली वह 'भारतीय मिसाइल' सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल थी.

उस समय पाकिस्तान ने दावा किया था कि शुरुआती जाँच से पता चला कि यह मिसाइल एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल थी, जो ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम थी.

ये भी दावा किया गया था कि ये मिसाइल पाकिस्तानी सीमा के अंदर तीन मिनट और 44 सेकंड तक रही. उसके बाद पाकिस्तानी सीमा के अंदर 124 किलोमीटर दूर जाकर नष्ट हो गई.

पाकिस्तानी सैन्य सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान के एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने भारतीय शहर सिरसा से मिसाइल के प्रक्षेपण के बाद से ही इसकी निगरानी शुरू कर दी थी.

इसकी पूरी उड़ान अवधि के दौरान इस पर लगातार निगरानी रखी गई.

बालाकोट के बाद दोनों देशों ने बढ़ाई रक्षा ख़रीद image Getty Images पाकिस्तान और भारत ने हाल के दिनों में अपनी रक्षा ख़रीद बढ़ाई है (फ़ाइल फ़ोटो)

2019 के बाद से दोनों देशों ने नए रक्षा उपकरण ख़रीदे हैं. उदाहरण के लिए, भारतीय वायु सेना के पास अब फ़्रांस निर्मित 36 रफ़ाल लड़ाकू विमान हैं.

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने भारत के ताज़ा हमले का बदला लेते हुए दो रफ़ाल विमानों को मार गिराया है, लेकिन भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

इस बीच, लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ के अनुसार, इसी अवधि के दौरान पाकिस्तान ने चीन से कम से कम 20 आधुनिक जे-10 लड़ाकू विमान हासिल किए हैं, जो पीएल-15 मिसाइलों से लैस हैं.

जहाँ तक एयर डिफ़ेंस का सवाल है, 2019 के बाद भारत ने रूसी एस-400 एंटी-एयरक्राफ़्ट मिसाइल सिस्टम हासिल कर लिया, जबकि पाकिस्तान को चीन से HQ-9 एयर डिफ़ेंस सिस्टम हासिल हुआ.

रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, पाकिस्तान वायु सेना ने हाल ही में एक बयान में कहा कि उसकी वायु रक्षा क्षमताओं में 'एडवांस्ड एरियल प्लेटफ़ॉर्म्स, उच्च से मध्यम ऊँचाई वाला एयर डिफ़ेंस सिस्टम, अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल शामिल हैं. इनके अलावा उसके पास स्पेस, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर के साथ-साथ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस संचालित सिस्टम्स भी हैं.

लेकिन पाकिस्तान पर भारत के हमले के बाद कुछ अहम सवाल उठे हैं.

क्या पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली भारत से आने वाली मिसाइलों को काफ़ी हद तक रोकने में सक्षम हैं? और पाकिस्तान भारत से आई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट करने में क्यों असमर्थ रहा?

क्या पाकिस्तान का एयर डिफ़ेंस सिस्टम मिसाइल इंटरसेप्ट कर सकता है? image Getty Images पाकिस्तान का दावा है कि उसके पास क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता है (फ़ाइल फ़ोटो)

पाकिस्तानी वायु सेना के पूर्व वाइस एयर मार्शल इकरामुल्लाह भट्टी ने बीबीसी उर्दू से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के एयर डिफ़ेंस सिस्टम में कम दूरी, मध्यम दूरी और लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपने डिफ़ेंस सिस्टम में कई मिसाइल सिस्टम्स को शामिल किया है, जिनमें चीन निर्मित एचक्यू-16 एफई डिफ़ेंस सिस्टम भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान को आधुनिक रक्षा मिसाइल प्रणाली की क्षमता प्रदान करते हैं और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, क्रूज़ मिसाइलों और युद्धपोतों के ख़िलाफ़ प्रभावी है.

हालाँकि, जब हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलों को रोकने की बात आती है, तो ऐसी कोई रक्षा प्रणाली मौजूद नहीं है.

हालाँकि ये मालूम नहीं है कि भारत ने मिसाइलें हवा से छोड़ीं या ज़मीन से.

पूर्व एयर कमोडोर आदिल सुल्तान ने बीबीसी को बताया कि दुनिया में अभी तक ऐसी कोई रक्षा प्रणाली नहीं बनी है, जो फुलप्रूफ सुरक्षा मुहैया कराती हो, ख़ासकर ऐसे हालात में जब पाकिस्तान और भारत जैसे देश, जिनकी सीमाएँ आपस में मिलती हैं और कुछ जगहों पर यह दूरी कुछ मीटर ही है.

उन्होंने बताया कि वहाँ हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइल हमलों को 100 फ़ीसदी रोकना असंभव है.

उन्होंने बताया कि एक ही समय में अलग-अलग दिशाओं से आने वाली मिसाइलों को रोकने के लिए किसी भी डिफ़ेंस सिस्टम की क्षमता की एक सीमा होती है.

उन्होंने कहा कि हालाँकि ये आधुनिक रक्षा प्रणालियाँ बहुत कारगर हैं, लेकिन 2,500 किलोमीटर से अधिक लंबी पूर्वी सीमा पर ऐसा डिफ़ेंस सिस्टम स्थापित करना संभव नहीं है, जिससे यह 100 प्रतिशत संभव हो जाए कि कोई मिसाइल वहाँ प्रवेश न कर सके.

आदिल सुल्तान के अनुसार, ऐसा करने के लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता होगी और सीमाएँ नज़दीक होने के कारण यह बहुत प्रभावी नहीं होगा.

हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें रोकना क्यों मुश्किल image Getty Images हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों की गति, फ़ाइटर जेट से भी बहुत अधिक होती है (फ़ाइल फ़ोटो)

इकरामुल्लाह भट्टी ने कहा कि भारत ने ये मिसाइलें शायद हवा से जमीन पर दागी होंगी और अगर हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलों की बात करें, तो वे आजकल बहुत आधुनिक हो गई हैं.

उन्होंने बताया, "उनकी गति बहुत तेज़ हो गई है, जो मैक 3 (3,675 किमी/घंटा) से लेकर मैक 9 (11,025 किमी/घंटा) तक है और अमेरिका, रूस या चीन सहित किसी भी देश के पास इतनी तेज़ गति वाली मिसाइल को रोकने की क्षमता नहीं है."

इकरामुल्लाह भट्टी ने बताया कि हवा से दागी गई मिसाइलों को रोकने में एक और कठिनाई यह है कि उनकी उड़ान अवधि बहुत कम होती है और आपके पास प्रतिक्रिया के लिए बहुत सीमित समय होता है, जबकि इसके विपरीत ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलों को रोका जा सकता है क्योंकि उनकी उड़ान अवधि अधिक होती है.

पाकिस्तान वायु सेना के पूर्व एयर कमोडोर आदिल सुल्तान ने कहा कि दुनिया की कोई भी रक्षा प्रणाली भौगोलिक रूप से जुड़े प्रतिद्वंद्वी देशों के हमलों को 100 प्रतिशत नहीं रोक सकती.

हालाँकि उन्होंने कहा कि इससे नुक़सान कम हो सकता है. आदिल सुल्तान ने बताया कि ऐसे डिफ़ेंस सिस्टम में बचाव के लिए ये भी महत्वपूर्ण है कि हमला कैसा है. अगर हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलें एक ही समय में अलग-अलग दिशाओं से दागी जाती हैं, तो उन्हें रडार पर पहचानना और तुरंत जवाब देना थोड़ा कठिन होता है.

जबकि अगर हम सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों या क्रूज़ मिसाइलों की बात करें, तो उनकी तैनाती का पता होता है और आप उन पर नज़र रख सकते हैं.

एयर कमोडोर आदिल सुल्तान ने कहा कि लड़ाकू विमानों के साथ हवा में युद्ध की स्थिति बहुत अलग होती है.

उन्होंने बताया, "ज़मीन से हवा या ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली रक्षा प्रणाली में आपको इन मिसाइलों की क्षमताएं, संभावित प्रक्षेपण स्थान और संभावित रास्ते के बारे में पता होता है. लेकिन हवाई युद्ध में हम नहीं जानते कि कहाँ से क्या दागा जा सकता है और आपको अपने आप को सभी तरफ से बचना होता है."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

image
Loving Newspoint? Download the app now