बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस ने शनिवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लामी और नेशनलिस्ट सिटीज़ंस पार्टी (एनसीपी) के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाक़ात की.
ये मुलाक़ात ऐसे समय में हुई, जब ऐसी ख़बरें आई हैं कि प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस इस्तीफ़ा देने के बारे में विचार कर रहे हैं.
बीबीसी बांग्ला संवाददाता कादिर कल्लोल की के मुताबिक़ मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को सरकार के दूसरे सलाहकारों के साथ एक बैठक की थी. ये बैठक पहले से तय नहीं थी.
रिपोर्ट के मुताबिक़ इस बैठक में मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि वो इस्तीफ़ा देने के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने बैठक में इस बात पर नाराज़गी और हताशा भी जताई थी कि बाकी दलों के असहयोग और बाधाएं पैदा करने की वजह से अंतरिम सरकार काम नहीं कर पा रही है.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए
नेशनलिस्ट सिटीज़ंस पार्टी (एनसीपी) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने बीबीसी बांग्ला को प्रोफ़ेसर यूनुस के इस्तीफ़े के विचार के बारे में बताया था.
नाहिद इस्लाम ने गुरुवार को ही मोहम्मद यूनुस से मुलाक़ात की थी. उनके हवाले से ही मोहम्मद यूनुस के इस्तीफ़े की ख़बरें मीडिया तक पहुंची.
इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा तेज़ हो गई कि प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं.
क्या इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं मोहम्मद यूनुस?शनिवार को मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की तीन प्रमुख पार्टियों बीएनपी, जमात-ए-इस्लामी और एनसीपी के प्रतिनिधियों से भी अलग-अलग मुलाक़ात की थी.
इस मीटिंग के बाद तीनों पार्टियों ने पत्रकारों से बात की. इसके बाद से ये कयास लगने शुरू हो गए थे कि क्या मोहम्मद यूनुस अपने पद से इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अब इसका जवाब दे दिया है. द डेली स्टार की के मुताबिक़ अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगी और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पद से इस्तीफ़ा नहीं दे रहे हैं.
शनिवार को सलाहकार परिषद की एक बैठक के बाद अंतरिम सरकार में योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने कहा, "जब तक हमारा काम पूरा नहीं हो जाता, हम कहीं नहीं जा रहे हैं."
रविवार को हुई सलाहकार परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए महमूद ने कहा, "मुख्य सलाहकार हमारे साथ रहेंगे. उन्होंने यह नहीं कहा है कि वे इस्तीफ़ा देंगे. अन्य सलाहकार भी अपने पदों पर बने रहेंगे. हमें जिम्मेदारियाँ दी गई हैं और हम उन्हें पूरा करने के लिए यहाँ हैं."
महमूद ने कहा कि बैठक में सलाहकारों ने अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में आने वाली बाधाओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सरकार का पहला काम आगामी चुनाव के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना और एक सुशासित लोकतांत्रिक प्रणाली तैयार करना है.
वहीदुद्दीन महमूद ने कहा, "देश का भविष्य इस काम पर निर्भर करता है, और हमें बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ते रहना चाहिए."
बाद में सलाहकार परिषद ने एक बयान भी जारी किया, जिसमें निष्पक्ष चुनाव और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय एकता की अपील की गई.
इसके अलावा सलाहकार परिषद ने प्रशासन के कामकाज में बाधा डालने के प्रयासों पर भी चिंता ज़ाहिर की है.
के अनुसार रविवार शाम को मोहम्मद यूनुस इस्लामी पार्टियों और संगठनों के प्रतिनिधियों से आगामी चुनावों और राजनीतिक सुधारों को लेकर चर्चा करेंगे.
ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कहा है कि अलग-अलग पार्टी और संगठनों के 20 प्रतिनिधियों के साथ ये मुलाक़ात दो सत्र में आयोजित की जाएगी.

चुनावी रोडमैप सहित कई मुद्दों को लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और अंतरिम सरकार के बीच बीते कुछ वक्त से तनाव की स्थिति बनी हुई है.
तनाव इस हद तक बढ़ गया कि बीएनपी विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर आई और उसने अंतरिम सरकार से समर्थन वापस लेने के संकेत भी दिए.
बीबीसी बांग्ला की के मुताबिक़ मोहम्मद यूनुस से मुलाक़ात के बाद बीएनपी नेता डॉ. खांडेकर मुशर्रफ़ हुसैन ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि मुख्य सलाहकार ने बीएनपी नेताओं को बैठक के लिए बुलाया था, लेकिन उन्हें "चर्चा के एजेंडे के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी."
उन्होंने बताया कि बीएनपी ने मुख्य सलाहकार के साथ मुलाक़ात के लिए एक लिखित बयान तैयार किया था, जिसे उनके सामने पेश किया गया.
हुसैन ने पत्रकारों के सामने पार्टी के लिखित बयान का सारांश पढ़ा. इसमें कहा गया था कि बीएनपी बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए चुनावी रोडमैप की मांग करती है और "निष्पक्ष चुनावों के लिए सलाहकार परिषद के पुनर्गठन की मांग करती है."
हुसैन की ओर से कहा गया, "बीएनपी ने कभी भी मुख्य सलाहकार के इस्तीफे़ की मांग नहीं की. बल्कि, वह पहले दिन से ही इस सरकार को पूरा समर्थन दे रही है."
जमात-ए-इस्लामी ने चुनाव को लेकर क्या मांग रखी है?बीएनपी के साथ बैठक के तुरंत बाद मोहम्मद यूनुस ने जमात-ए-इस्लामी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात की. इस बैठक के बाद जमात-ए-इस्लामी के अमीर शफ़ीकुर रहमान ने पत्रकारों से बात की.
उन्होंने बताया, "हमने कहा है कि दो बातें स्पष्ट होनी चाहिए. पहली बात ये कि सरकार ने जो समय सीमा दी है, उसी समय सीमा के अंदर चुनाव हो जाने चाहिए. और दूसरी बात यह कि चुनाव से पहले सुधार की कुछ प्रक्रियाएँ पूरी होनी चाहिए."
अमीर शफ़ीकुर रहमान ने कहा, "अगर सुधार पूरे हो गए तो यह (चुनाव) फरवरी के मध्य में हो सकता है. और अगर इसमें थोड़ा और समय लगता है तो इसे रमज़ान के बाद कराना होगा."
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव इससे लंबा खींचा गया, तो 'निष्पक्ष चुनाव' कराना संभव नहीं हो सकेगा.
शफ़ीकुर रहमान ने बताया कि मोहम्मद यूनुस ने सार्थक, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की बात कही है.

नेशनलिस्ट सिटीज़ंस पार्टी (एनसीपी) के प्रतिनिधियों की मोहम्मद यूनुस से मुलाक़ात के बाद पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने पत्रकारों से बात की.
मोहम्मद यूनुस के 'इस्तीफ़े' के विचार पर एनसीपी की स्थिति के बारे में नाहिद इस्लाम ने कहा, "हमने कहा है कि उन्हें प्रभारी बने रहना चाहिए. उनके प्रभारी रहते हुए सभी दलों की सभी समस्याओं को बातचीत के ज़रिए हल करना चाहिए."
नाहिद इस्लाम ने कहा, "वो (मोहम्मद यूनुस) राजनीतिक दल की अपील पर नहीं बल्कि लोगों और छात्रों की अपील पर इस पद पर आए थे. उनकी प्रतिबद्धता किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं है. उन्हें अपने हर फ़ैसले में इसका ध्यान रखना चाहिए."
उन्होंने कहा कि एनसीपी ने मोहम्मद यूनुस से कहा है कि वह "किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति नहीं, बल्कि उन छात्रों और आम जनता के लिए प्रतिबद्ध रहें, जो जन आंदोलन कर रहे हैं."
नाहिद इस्लाम के मुताबिक़ उन्होंने मोहम्मदू यूनुस के सामने जुलाई में हुए विद्रोह में घायल और मारे गए लोगों के परिवारों के पुनर्वास और उनकी दूसरी मांगों का भी मुद्दा उठाया.
उन्होंने कहा कि इस मामले में जिन मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था, मोहम्मद यूनुस ने उसे पूरा करने का आश्वासन दिया है.
बांग्लादेश में कब होंगे चुनाव, अंतरिम सरकार के प्रेस सचिव ने बतायाबांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की प्रेस शाखा ने तीनों राजनीतिक पार्टियों के साथ हुई बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव कब होंगे इस बारे में जानकारी दी.
मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफ़ीकुल आलम ने तीनों पार्टियों के साथ हुई चर्चा और अंतरिम सरकार के रुख़ पर रिपोर्ट दी.
प्रेस सचिव शफ़ीकुल आलम ने कहा, "उन्होंने (राजनीतिक दलों ने) कहा कि उन्हें उनके (प्रोफ़ेसर यूनुस के) नेतृत्व पर भरोसा है. उन्होंने उनसे इस्तीफ़ा न देकर, उनके नेतृत्व में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की है."
शफ़ीकुल आलम ने बताया, "बीएनपी चाहती है कि चुनाव दिसंबर के मध्य तक हो जाएं. जमात-ए-इस्लामी को लगता है कि सुधार प्रक्रिया पूरी होने में दिसंबर तक का समय लगेगा."
प्रेस सचिव ने कहा कि मुख्य सलाहकार ने बीएनपी को बताया है कि चुनाव अगले साल 30 जून से पहले करा लिए जाएंगे.
शफ़ीकुल आलम ने बताया कि एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी ने चुनाव आयोग में सुधारों की मांग की है.
उन्होंने कहा, "एनसीपी और जमात का मानना है कि मौजूदा हालात में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए ज़रूरी माहौल नहीं है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया है कि चुनाव आयोग में सुधार के ज़रिए सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किया जाना चाहिए."
यह पूछे जाने पर कि क्या शनिवार की बैठक के बाद देश का राजनीतिक संकट अभी के लिए ख़त्म हो गया है, उन्होंने जवाब दिया कि मुख्य सलाहकार की बांग्लादेश की तीन प्रमुख पार्टियों के साथ बहुत 'सौहार्दपूर्ण वातावरण' में बैठक हुई है. तीनों पार्टियों ने अपनी बात रखी और मोहम्मद यूनुस ने उनकी बात सुनी है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
फ्लाईओवर विवाद मामले में सचिव, डीसी और प्रशासक को समन जारी
IPL 2025: SRH बनाम KKR मैच में हेनरिक क्लासेन की शतकीय पारी रही प्ले ऑफ द डे
शुभमन गिल के कप्तान बनने के बाद गावस्कर ने दी सलाह, कहा- खिलाड़ियों का सम्मान पाने के लिए...
गुयाना के 59वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे शशि थरूर
राजस्थान: चाची का शर्मनाक काम! भतीजी का करवा दिया रेप, फिर देती रही ऐसी धमकी