अमेरिका में पिछले महीने एक हादसे में तीन लोगों की मौत के बाद वहां के ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उनके प्रति अमेरिकियों का रवैया अब 'नकारात्मक' होता दिख रहा है.
समुदाय के कुछ लोगों का कहना है, "इसके बाद से ही इंटरनेट पर ट्रोलिंग बढ़ गई है और सिख ड्राइवरों को चेकिंग प्वाइंट्स पर ज़्यादा रोका जाने लगा है."
कैलिफ़ोर्निया के रिवरसाइड में रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर प्रभ सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एपी से कहा, "ये एक ड्राइवर की ग़लती थी, पूरी क़ौम की नहीं."
12 अगस्त को अमेरिका के फ़्लोरिडा में हरजिंदर सिंह नाम के एक शख़्स के ट्रक से हुए हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी.
इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुआ था. इस घटना ने फ़्लोरिडा के रिपब्लिकन गवर्नर रॉन डीसैंटिस और कैलिफ़ोर्निया के डेमोक्रेटिक गवर्नर गैविन न्यूज़म के बीच विवाद खड़ा कर दिया था.
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी का कहना था कि इस ट्रक ड्राइवर ने अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश किया था और उन्हें लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए था.
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सिख ड्राइवर अमेरिका के अलग-अलग राज्यों में ट्रक चलाते हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी संख्या कैलिफ़ोर्निया में है.
सिख समुदाय से जुड़े लोगों और संस्थाओं का कहना है कि हाल के दिनों में अमेरिका में सोशल मीडिया के कई प्लेटफ़ॉर्म्स और काम की जगहों पर सिखों के ख़िलाफ़ ट्रोलिंग बढ़ी है.
ट्रक ड्राइवर प्रभ सिंह ने बताया, "ऑनलाइन बहुत नकारात्मक टिप्पणियां आ रही हैं. लोग कह रहे हैं इन्हें 'हमारी सड़कों से हटाओ' और 'सड़कों को सुरक्षित बनाओ'. ये सब कुछ जज के फ़ैसले से पहले हो रहा है."
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से ताल्लुक रखने वाले हरप्रीत शर्मा पिछले पाँच साल से कैलिफ़ोर्निया में ट्रक चला रहे हैं.
उन्होंने बीबीसी पंजाबी से कहा, "अभी तो ट्रकों में लगी संतों की तस्वीरें भी हटाने के लिए कहा जा रहा है."
उनका कहना है, "सिखों और भारतीयों के ख़िलाफ़ नफ़रत बढ़ी है. ख़ास तौर पर उन इलाक़ों में जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी ने जीत दर्ज की है, वहां नफ़रत ज़्यादा देखने को मिल रही है."
नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी ट्रकर एसोसिएशन के सीईओ रमन ढिल्लों ने बीबीसी पंजाबी से फ़ोन पर बातचीत में कहा कि वह पिछले 35 साल से अमेरिका में रह रहे हैं और यहां उन्होंने अच्छा-बुरा समय सब देखा.
वो कहते हैं कि बीते 35 सालों में उन्होंने बाज़ार में प्रतिस्पर्धा भी की और अपना काम भी जमाया, लेकिन जो हाल के वक्त में जिस तरह ट्रोलिंग हो रही है उसका जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है.
ढिल्लों कहते हैं, "इंटरनेट पर हाल बहुत बुरा है, बहुत ट्रोलिंग हो रही है. घटनाएं पहले भी होती थीं लेकिन फ्लोरिडा वाली घटना का राजनीतिकरण हो गया."
उन्होंने कहा, "ये फ्लोरिडा और कैलिफ़ोर्निया की सरकारों की आपसी लड़ाई थी. दूसरी तरफ़ ट्रकिंग इंडस्ट्री की भी अपनी कमियां हैं, जैसे बहुत से बिना योग्यता वाले लोग भी इस पेशे में आ गए हैं जो अपने काम में माहिर नहीं और जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं."
कैलिफ़ोर्निया से छपने वाली न्यूज़ वेबसाइट द फ्रेश्नो बे के अनुसार इस हादसे के बाद से वहां के सिख ड्राइवर उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, कई बार लोगों ने उनके ट्रकों पर चीज़ें फेंककर उन्हें निशाना बनाया है.

कैलिफ़ोर्निया के फ़ॉन्टाना में एक इंटरस्टेट फ़्रेट कंपनी के मालिक सुखप्रीत वड़ैच ने न्यूज़ एजेंसी एपी को बताया, "मैंने कई ट्रक ड्राइवरों से बात की है, उनका कहना है कि अब लोग उन्हें अलग नज़र से देखते हैं."
तीन बच्चों के पिता वड़ैच को डर है कि उन्हें ग़लत निशाना बनाया जा सकता है. उन्होंने, बाकी सिखों की तरह, फ्लोरिडा हादसे को एक "त्रासदी" बताया. लेकिन उनकी इच्छा है कि ड्राइवर को न्याय मिले और लोग समझें कि यह एक हादसा था.
वहीं हरप्रीत शर्मा कहते हैं, "स्केल चेकिंग पर काफ़ी सख़्ती हो गई है. हमारे एक दोस्त को ट्रक से धार्मिक तस्वीरें हटाने के लिए कहा गया. पहले ऐसी समस्या कभी नहीं थी. संतों की तस्वीरें देखकर वे चिढ़ते हैं और जिन ट्रकों में तस्वीरें लगी होती हैं उन्हें स्केल पर ज़्यादा तंग किया जाता है."
उनका कहना है, "अब बहुत से नौजवान ड्राइविंग का पेशा छोड़ रहे हैं और छोटे-मोटे काम देखने लगे हैं क्योंकि सख़्ती बढ़ गई है. जिस तरह से ट्रक ड्राइवरों को तंग किया जा रहा है, उसकी वजह से वे कोई और काम करने की सोच रहे हैं."
न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक़, अमेरिका में अनुमानित तौर पर सिखों की आबादी क़रीब 7,50,000 है और इनमें सबसे ज़्यादा लोग कैलिफ़ोर्निया में रहते हैं. बड़ी संख्या में लोग ट्रकिंग और इससे जुड़े उद्योगों जैसे रेस्टोरेंट और ट्रकिंग स्कूलों में काम करते हैं.
नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी ट्रकर एसोसिएशन के अनुसार, वेस्ट कोस्ट पर लगभग 40 फ़ीसदी ट्रक ड्राइवर सिख हैं, जबकि पूरे देश में यह आंकड़ा क़रीब 20 फ़ीसदी है. हालांकि, ये आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं.
संगठन के सीईओ रमन ढिल्लों के अनुसार, अमेरिका में लगभग 1,50,000 सिख ट्रक ड्राइवर काम कर रहे हैं.
ढिल्लों का कहना है कि फ्लोरिडा वाले हादसे के बाद एसोसिएशन को कई सिख ड्राइवरों से परेशान किए जाने की शिकायतें मिली हैं.
उन्होंने बताया कि एक मामले में ओक्लाहोमा के एक ट्रक अड्डे पर एक सिख व्यक्ति को तब बाहर निकाल दिया गया जब वह नहाने जा रहा था.
ढिल्लों ने बीबीसी पंजाबी को कहा, "हमारे समुदाय के लोग डरते हैं और जब कोई घटना होती है तो उसे दर्ज नहीं करवाते. उन्हें सामने आना चाहिए. अगर घटनाएं रिपोर्ट होंगी तभी कार्रवाई होगी और कोई हल निकल सकेगा."
फ्लोरिडा हादसे में शामिल ट्रक चलाने वाले हरजिंदर सिंह पंजाब के तरन तारन से ताल्लुक रखते हैं. वह साल 2018 में मैक्सिको के रास्ते ग़ैर-क़ानूनी तरीके़ से अमेरिका में दाख़िल हुए थे.
फ्लोरिडा हाईवे सेफ़्टी एंड मोटर व्हीकल्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि यह हादसा एक मिनीवैन और सेमी-ट्रक के बीच हुआ था.
इस घटना के बाद हरजिंदर सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया था. जांच में पाया गया है कि यह साफ़ है कि सेमी-ट्रक का ड्राइवर लापरवाही से गाड़ी चला रहा था और ऐसी जगह से यू-टर्न ले रहा था जिसके इस्तेमाल की इजाज़त सिर्फ़ आपातकालीन या पुलिस के वाहनों को ही है.
इस हादसे के बाद ग़ैर-क़ानूनी प्रवासियों को ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने का मुद्दा चर्चा में आ गया.
अमेरिकन ट्रकिंग एसोसिएशन ने भी अभियुक्त ड्राइवर को कमर्शियल लाइसेंस जारी किए जाने पर सवाल उठाए थे.
ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि हरजिंदर सिंह को कभी भी कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए था.
यह मामला जल्द ही फ्लोरिडा के रिपब्लिकन गवर्नर रॉन डीसैंटिस और कैलिफ़ोर्निया के डेमोक्रेट गवर्नर गैविन न्यूसम के बीच सार्वजनिक तकरार में बदल गया था.

डीसैंटिस ने फ़्लोरिडा की लेफ़्टिनेंट गवर्नर जे कॉलिन्स को कैलिफ़ोर्निया भेजा, ताकि वो ये सुनिश्चित कर सकें कि अभियुक्त ट्रक ड्राइवर को फ्लोरिडा ला सकें.
जे कॉलिन्स ने कैलिफ़ोर्निया की लाइसेंसिंग नीति की कड़ी आलोचना की और कहा कि हादसे के लिए राज्य की नाकाम नीतियां ज़िम्मेदार हैं.
रॉन डीसैंटिस का कहना था कि हरजिंदर सिंह को कभी भी ट्रक ड्राइवर नहीं होना चाहिए था.
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर और डेमोक्रेट गैविन न्यूसम ने कहा था कि हरजिंदर सिंह को वर्क परमिट कैलिफ़ोर्निया ने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने जारी किया था, जिसे इस साल की शुरुआत में रीन्यू किया गया था.
हालांकि, होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारियों ने उनके इस दावे पर सवाल उठाए हैं. एक बयान में कहा गया कि "हादसे की ज़िम्मेदारी स्वीकार करने की बजाय अवैध तरीके से आने वालों का समर्थन करने वाले गैविन का दावा है कि ऐसे लोगों को लाइसेंस देने से पब्लिक सेफ्टी बढ़ती है."
वहीं न्यूसम के दफ़्तर ने ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह अपनी निगरानी में हुई कमियों की ज़िम्मेदारी राज्यों पर डालने की कोशिश कर रहा है.
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