जो रूट के नाम भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स पर खेले जा रहे एंडरसन-तेंदुलकर सिरीज़ के तीसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल रहा. वह जिस तरह के खेल के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने उसका बख़ूबी प्रदर्शन किया. वह अपने करियर के 37वें टेस्ट शतक से सिर्फ़ एक रन दूर हैं.
इंग्लैंड ने दिन का खेल ख़त्म होने तक चार विकेट पर 251 रन बना लिए हैं. इस वक़्त रूट का साथ कप्तान बेन स्टोक्स 39 रन बनाकर निभा रहे हैं.
भारत के लिए राहत की बात यह रही कि उन्होंने इंग्लैंड की 'बैज़बॉल' की हवा निकालकर सिर्फ़ 3.02 के रन रेट से ही रन बनाने दिए.
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जो रूट विकेट पर लंगर डालकर खेलने वाले बल्लेबाज़ माने जाते हैं. भारतीय गेंदबाज़ों ने दो बार दोहरे झटके देकर दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन दोनों ही मौक़ों पर वह टीम को संकट से बाहर निकालने में सफल रहे.
नितीश रेड्डी ने लंच से पहले दोनों ओपनरों बेन डकेट और जैक क्रावली के विकेट निकालकर इंग्लैंड को दबाव में ला दिया. लेकिन रूट ने इस मौक़े पर ओली पोप के साथ शतकीय साझेदारी (109 रन) निभाकर मैच का रुख़ इंग्लैंड के पक्ष में मोड़ दिया.
चाय के बाद पहली ही गेंद पर जडेजा ने ओली पोप को विकेट के पीछे ध्रुव जुरेल (सब्सीट्यूट) के हाथों लपकवाकर और फिर बुमराह ने हैरी ब्रुक को बोल्ड करके एक बार फिर इंग्लैंड को दबाव में ला दिया. लेकिन रूट ने कप्तान बेन स्टोक्स के साथ 79 रन की नाबाद साझेदारी निभाकर दिन का खेल ख़त्म होने तक इंग्लैंड को मज़बूत स्थिति में रखा.
रूट ने बल्लेबाज़ी करते समय दिमाग़ का भी अच्छा इस्तेमाल किया. उनका बुमराह के ख़िलाफ़ अच्छा रिकॉर्ड नहीं है. बुमराह उन्हें 10 बार आउट कर चुके हैं. इसलिए उन्होंने बुमराह के पहले पांच ओवर के स्पेल में उन्होंने सिर्फ़ दो गेंदों का सामना किया और ओली पोप ने 28 गेंदें खेलीं.
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जो रूट नौ चौकों की मदद से 99 रन बनाकर विकेट पर डटे हुए हैं. वह अगर मैच के दूसरे दिन एक रन बनाकर शतक बना लेते हैं, तो यह उनका 37वां टेस्ट शतक होगा. वह द्रविड़ के 36 शतकों से आगे निकल जाएंगे और शतक लगाने के मामले में पांचवें नंबर पर पहुंच जाएंगे.
टेस्ट मैचों में शतक के मामले में सचिन तेंदुलकर 51 शतकों के साथ पहले नंबर पर हैं. इसके बाद जैक कैलिस (45), रिकी पोंटिंग (41) और कुमार संगकारा (38) का नंबर आता है.
रूट इस पारी के दौरान भारत के ख़िलाफ़ 3000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज़ बन गए हैं. इसके साथ ही वह इंग्लैंड में 7000 रन भी पूरे करने में सफल रहे हैं.
जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की किफ़ायती गेंदबाज़ी के बावजूद भारत को कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही थी. लेकिन नितीश रेड्डी ने दोनों ओपनरों बेन डकेट और जैक क्रावली को एक ही ओवर में पवेलियन भेजकर भारतीय कैंप में ख़ुशी ला दी.
उन्होंने अपने पहले ओवर की तीसरी गेंद को लेग साइड पर डाला और डकेट गेंद को जल्दी खेल गए. गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर पंत के हाथों में समा गई. फिर इस ओवर की आख़िरी गेंद पर जैक क्रावली का विकेट निकाला. गेंद इतनी उम्दा थी कि उस पर कोई भी विकेट गंवा सकता था.
नितीश ने गेंद को अच्छे एंगल से फेंका और गेंद सीम होकर बाहर निकल गई और वह बल्ले को चूमती हुई पंत के दस्तानों में समा गई.
नितीश ने आख़िरी सत्र में स्टोक्स को भी लगभग फंसा लिया था. लेकिन अंपायर कॉल की वजह से एलबीडब्ल्यू आउट होने से बच गए. वह उस वक़्त 27 रन पर थे और टीम का स्कोर चार विकेट पर 211 रन था.
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भारतीय गेंदबाज़ों की कसी हुई गेंदबाज़ी ने बैज़बॉल का दम भरने वाली इंग्लैंड टीम को सतर्कता के साथ खेलने को मजबूर कर दिया. इस कारण जो टीम 5-6 के रन रेट से खेलने में विश्वास करती है, उसे पहले तीनों सत्रों में 3.02 की रन रेट से खेलने को मजबूर होना पड़ा.
रूट और पोप के सतर्कता से खेलने का इंग्लैंड को फ़ायदा भी मिला. यह जोड़ी शतकीय साझेदारी निभाकर टीम को शुरुआती झटकों से काफ़ी हद तक निकालने में सफल हो गई. चाय के बाद के सत्र में जब यह लग रहा था कि यह जोड़ी टीम को मज़बूती की तरफ़ ले जाएगी, तभी जडेजा ने ओली पोप का विकेट निकालकर भारत की वापसी करा दी.
भारतीय कप्तान गिल ने जडेजा को पहली बार चाय से दो ओवर पहले गेंदबाज़ी के लिए लाया और उन्होंने अपने पहले ओवर में यह संकेत दिया कि गेंदबाज़ी में मदद मिल रही है. उन्होंने चाय के बाद पहले ओवर की पहली गेंद पर ओली पोप को विकेट के पीछे कैच कराया. ओली पोप अपने अर्धशतक से छह रन दूर रह गए.
ऋषभ पंत के चोटिल होकर बाहर जाने से भारत को तगड़ा झटका लगा. बीसीसीआई ने बताया कि पंत की तर्जनी उंगली चोटिल हुई है और उनका इलाज मेडिकल टीम की देखरेख में चल रहा है.
बुमराह दिन का 34वां ओवर फेंक रहे थे. उनकी ओली पोप को फेंकी गई एक गेंद लेग साइड से बाहर जा रही थी, जिसे पंत ने डाइव लगाकर पकड़ने का प्रयास किया, जिससे उनकी तर्जनी उंगली चोटिल हो गई. मैदान में पांच मिनट इलाज के बाद वह मुश्किल से ग्लव्स पहनकर ओवर की बाक़ी पांच गेंदों के लिए विकेट के पीछे ज़रूर खड़े हुए लेकिन उन्हें हो रही दिक्कत आसानी से देखी जा सकती थी. ओवर ख़त्म होने के बाद उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग की.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के अनुसार पंत की उंगली नहीं टूटी है. लेकिन उंगली का नाख़ून उखड़ जाने की वजह से उन्हें दर्द हो रहा है. वह उंगली की बर्फ़ से सिकाई कर रहे हैं.
नंबर एक गेंदबाज़ को नंबर एक बल्लेबाज़ का विकेटविश्व के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज़ हैरी ब्रुक का विकेट निकालकर तगड़ा झटका दिया. उन्होंने ब्रुक को बोल्ड किया. ब्रुक असल में अंदर आती गेंद को समझ नहीं पाए.
बुमराह ने हेडिंग्ले टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट निकाले थे. लेकिन इसके बाद वह किफ़ायती गेंदबाज़ी तो करते रहे लेकिन विकेट निकालने में उतने सफल नहीं हुए. वह इस टेस्ट की दूसरी पारी में 19 ओवर गेंदबाज़ी करके भी कोई विकेट नहीं ले सके थे.
बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट की वजह से एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में नहीं खेले थे. लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन बुमराह अपने 15 ओवरों में बल्लेबाज़ों को परेशान करने में तो सफल रहे, लेकिन विकेट हासिल नहीं कर पाए. इसके बाद अपने 16वें ओवर की पांचवीं गेंद पर हैरी ब्रुक को बोल्ड करके विकेट निकालने में सफल हो गए.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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