चीन की फेमस फैशन कंपनी शीन और भारत की रिलायंस रिटेल के बीच जो समझौता हुआ था, उसमें अब बदलाव हो सकता है. पहले प्लान था कि Shein भारत में अपने कपड़े बनवाएगी और दुनिया भर में भेजेगी, लेकिन अब चीन की सरकार चाहती है कि उनकी कंपनियां बाहर प्रोडक्शन न करें.इसकी एक बड़ी वजह ये है कि अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर बहुत ज्यादा टैक्स (145%) लगा दिया है. इससे चीन को डर है कि उसकी कंपनियां प्रोडक्शन भारत जैसे देशों में शिफ्ट कर सकती हैं, जहां टैक्स कम है. अब शीन और रिलायंस फिर से बात कर रहे हैं और ऐसा हो सकता है कि शीन का भारत से कपड़े बनवाने का प्लान छोटा कर दिया जाए. हालांकि, दोनों कंपनियों की ओर अभी तक इसके बारे में कोई भी ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है. चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही कंपनियांअमेरिका ने 75 देशों पर लगाए जाने वाले 'रिसिप्रोकल' यानी जवाबी टैक्स को 90 दिनों के लिए रोक दिया है. इनमें भारत पर लगने वाला 26% टैक्स भी शामिल है. दुनिया की बड़ी कंपनियां जैसे Apple, अब चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं और भारत में प्रोडक्शन शिफ्ट कर रही हैं. लेकिन चीनी मोबाइल कंपनियां जैसे Oppo, Vivo और Realme अभी भी चीन में ही मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं, हालांकि भारत के लिए भारत में भी बना रही हैं. Shein की हेडक्वार्टर अब सिंगापुर में है, लेकिन इसके ज्यादातर कपड़े अब भी चीन में ही बनते हैं. भारत से एक पैरलल ग्लोबल सप्लाई चेन बनाने की थी योजनाशीन चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और भारत से अधिक सामान सोर्स करने की योजना बना रहा था. ET को मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों कंपनियां चीन सरकार के नए निर्देशों का एक समाधान खोजने की कोशिश कर रही हैं. शीन ने फरवरी में भारत में वापसी की, जब उसने रिलायंस रिटेल के साथ एक अलग ऐप लॉन्च किया. यह ऐप भारत में चीनी ऐप्स पर पाबंदी के बाद आया था. इस पार्टनरशिप का उद्देश्य सिर्फ रिटेल तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें भारतीय MSMEs (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के लिए एक एक्सपोर्ट प्लेटफॉर्म बनाने की योजना भी थी, ताकि वे शीन के लिए कपड़े बना सकें. शीन ने रिलायंस के साथ मिलकर 25,000 MSMEs को जोड़ने और भारत से एक पैरलल ग्लोबल सप्लाई चेन बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इस प्लान में असमंजस है. स्थानीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने की भी थी योजनाभारत में शीन की वापसी के साथ एक स्थानीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने की भी योजना थी, जिसमें शीन को डेटा पर कोई अधिकार नहीं होगा. शीन की 2024 में नेट प्रॉफिट 40% गिरकर $1 बिलियन हो गई, लेकिन इसके पूरे साल की बिक्री 19% बढ़कर $38 बिलियन हो गई. भारत का फास्ट फैशन इंडस्ट्री 2030 तक $50 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. FY24 में यह इंडस्ट्री $10 बिलियन थी. भारतीय फास्ट फैशन ने धीमी खपत के बावजूद अच्छी ग्रोथ दिखाई और 30-40% की सालाना वृद्धि दर्ज की.
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