आज के समय शिक्षा की लागत तेजी से बढ़ती जा रही है। माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए कई सपने देखते हैं। वे उन्हें मेडिकल, इंजीनियरिंग, एमबीए या विदेश में पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन कई बार पैसों की के कारण कई बच्चों के सपने पूरे नहीं हो पाते। इसलिए बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए सही वित्तीय प्लानिंग करें। जानते हैं ऐसे 5 पॉइंट जो आपके बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग को आसान और प्रभावी बनाते हैं।बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए इन 5 पॉइंट्स पर दें ध्यान 1. जल्दी करें निवेश की शुरुआतबच्चों की हायर एजुकेशन के लिए जितनी जल्दी आप फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। क्योंकि जितनी ज्यादा लंबी अवधि के लिए निवेश रहता है, उतना ज्यादा आपको चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा। माता-पिता को बच्चों के जन्म के बाद से ही बचत की शुरुआत कर देनी चाहिए। हर महीने एक छोटी राशि भी निवेश करेंगे। तो जब बच्चे की हायर एजुकेशन का समय आएगा तब तक आपके पास बड़ा फंड एकत्रित हो जाएगा। उदाहरण से समझते हैं-मान लेते हैं आप बच्चों के जन्म के बाद से ही हर महीने 5000 रुपये की एसआईपी की शुरुआत करते हैं। यदि आपको इस निवेश पर वार्षिक 10% का भी रिटर्न मिलता है तो भी 15 साल बाद आपके पास लगभग 21 लाख रुपये का फंड जमा हो सकता है। 2. शिक्षा की लागत का आंकलन करके निवेश करेंहायर एजुकेशन की लागत का अनुमान लगाना जरूरी है। इसके लिए कोर्स और कॉलेज की फीस की रिसर्च करें। इसके साथ शिक्षा महंगाई दर को भी ध्यान में रखें। यदि आप बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो विदेशी शिक्षा के लिए करेंसी और अन्य खर्चो को भी ध्यान में रखें। 3. निवेश के लिए सही विकल्प का चुनावबच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश करते समय रिटर्न और जोखिम का संतुलन जरूरी है। लोकप्रिय निवेश के विकल्प जैसे म्युचुअल फंड की एसआईपी , पीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, एफडी और आरडी में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आप फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें सकते हैं। 4. एजुकेशन लोन के विकल्प को समझेंकई बार हायर एजुकेशन के लिए केवल बचत काम नहीं आती। एजुकेशन लोन लेने की भी जरूरत पड़ सकती है। इसीलिए आप एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को अच्छे से समझें। कामदार वाले लोन का चुनाव करें। लोन लेने से पहले सुनिश्चित करें कि बच्चे की डिग्री से मिलने वाली नौकरी ईएमआई चुकाने में सक्षम होगी। 5. इंश्योरेंस और इमरजेंसी फंड बनाकर रखेंआपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में इंश्योरेंस और इमरजेंसी फंड का होना जरूरी है। परिवार की सुरक्षा के लिए टर्म प्लान लें। बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए वित्तीय प्लानिंग करते समय इन बातों को नजरअंदाज करना आपके लिए भविष्य में भारी पड़ सकता है। साथ ही टैक्स प्लानिंग को भी नजरअंदाज न करें। आप टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें ताकि आप अधिकतम लाभ उठा सकें।बच्चों को बचत, निवेश, और मनी मैनेजमेंट की बुनियादी जानकारी दें। इससे वे अपनी पढ़ाई और करियर में बेहतर निर्णय ले सकेंगे। बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन सही रणनीति और समय पर शुरूआत इसे आसान बनाती है। बस आपको इसे सही समय पर सही निवेश के साथ शुरू करना है और अपने निवेश को नियमित रखना है।
You may also like
प्राचीन काल में प्याज के होते थे ये अनोखे यूज़ ˠ
कभी सब्जी बेचता था ये शख्स, आज करोड़ों की कंपनी का मालिक. भावुक कर देगी संघर्ष की कहानी ˠ
भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने बच्चों संग खेला क्रिकेट, यहां पढ़ें पूरी खबर
मप्र में दो आईएएस की नई पदस्थापना, धनंजय सिंह भदौरिया बने जबलपुर संभागायुक्त
नागिन का प्यार' पाने के लिए दो किंग कोबरा में हुई 5 घंटे तक भयंकर लड़ाई, जानें आखिर में क्या हुआ ˠ