नई दिल्ली: रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फाइनेंशियल सपोर्ट देने वाला पीएसयू स्टॉक IREDA के स्टॉक में मंगलवार को रैली देखने को मिल रही है. स्टॉक में 3 प्रतिशत की तेज़ी देखी देखने को मिली, जिससे स्टॉक ने 174 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. यह बढ़ोतरी कंपनी द्वारा सोमवार, 30 जून को अप्रैल से जून तिमाही के लिए एक बिजनेस अपडेट साझा करने के बाद हुई.
Q1 का बिजनेस अपडेट
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, इरेडा ने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29 प्रतिशत ज्यादा लोन को अप्रूव किया. इन अप्रूव लोन्स की कुल राशि 11,740 करोड़ रुपये थी, जबकि पिछले साल यह राशि 9,136 करोड़ रुपये थी. वास्तविक रूप से दिया गया धन (लोन डिस्ट्रीब्यूशन) भी 31 प्रतिशत बढ़कर 6,981 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह राशि 5,326 करोड़ रुपये थी.
30 जून, 2025 तक, इरेडा के पास कुल 79,960 करोड़ रुपये के लोन थे. यह राशि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है. कुछ महीने पहले, मार्च तिमाही के अंत में, कंपनी की बकाया लोन बुक 76,250 करोड़ रुपये थी, जिसका अर्थ है कि जून तिमाही में इसमें और वृद्धि हुई है.
हाल ही में, इरेडा जेनसोल इंजीनियरिंग और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ दिवालियापन कार्यवाही (लोन न चुका पाने वाली कंपनियों से निपटने की एक कानूनी प्रक्रिया) शुरू करने के लिए चर्चा में रहा है. जून में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की अहमदाबाद बेंच ने जेनसोल इंजीनियरिंग द्वारा अपनी ही सहायक कंपनी जेनसोल ईवी लीज लिमिटेड के खिलाफ दायर मामले को स्वीकार कर लिया, क्योंकि सहायक कंपनी 218.95 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में विफल रही.
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, IREDA ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) नामक विधि के माध्यम से बड़े निवेशकों को अपने शेयर बेचकर 2,000 करोड़ रुपये जुटाए थे. इन बायर्स में LIC, सोसाइटी जनरल, मॉर्गन स्टेनली और विकास इंडिया EIF I फंड शामिल थे.
कंपनी की होल्डिंग
इस शेयर बिक्री के बाद, IREDA में सरकार का स्वामित्व थोड़ा कम हो गया है और अब यह 71.76% है. वहीं ट्रेंडलाइन के मुताबिक, 11 जून 2025 तक एफआईआई की 3.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. वहीं जहां नवंबर,2023 में पब्लिक होल्डिंग 12.5 प्रतिशत थी, जो 11 जून 2025 तक 21.9 प्रतिशत हो गई.
Q1 का बिजनेस अपडेट
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, इरेडा ने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29 प्रतिशत ज्यादा लोन को अप्रूव किया. इन अप्रूव लोन्स की कुल राशि 11,740 करोड़ रुपये थी, जबकि पिछले साल यह राशि 9,136 करोड़ रुपये थी. वास्तविक रूप से दिया गया धन (लोन डिस्ट्रीब्यूशन) भी 31 प्रतिशत बढ़कर 6,981 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह राशि 5,326 करोड़ रुपये थी.
30 जून, 2025 तक, इरेडा के पास कुल 79,960 करोड़ रुपये के लोन थे. यह राशि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है. कुछ महीने पहले, मार्च तिमाही के अंत में, कंपनी की बकाया लोन बुक 76,250 करोड़ रुपये थी, जिसका अर्थ है कि जून तिमाही में इसमें और वृद्धि हुई है.
हाल ही में, इरेडा जेनसोल इंजीनियरिंग और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ दिवालियापन कार्यवाही (लोन न चुका पाने वाली कंपनियों से निपटने की एक कानूनी प्रक्रिया) शुरू करने के लिए चर्चा में रहा है. जून में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की अहमदाबाद बेंच ने जेनसोल इंजीनियरिंग द्वारा अपनी ही सहायक कंपनी जेनसोल ईवी लीज लिमिटेड के खिलाफ दायर मामले को स्वीकार कर लिया, क्योंकि सहायक कंपनी 218.95 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में विफल रही.
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान, IREDA ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) नामक विधि के माध्यम से बड़े निवेशकों को अपने शेयर बेचकर 2,000 करोड़ रुपये जुटाए थे. इन बायर्स में LIC, सोसाइटी जनरल, मॉर्गन स्टेनली और विकास इंडिया EIF I फंड शामिल थे.
कंपनी की होल्डिंग
इस शेयर बिक्री के बाद, IREDA में सरकार का स्वामित्व थोड़ा कम हो गया है और अब यह 71.76% है. वहीं ट्रेंडलाइन के मुताबिक, 11 जून 2025 तक एफआईआई की 3.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. वहीं जहां नवंबर,2023 में पब्लिक होल्डिंग 12.5 प्रतिशत थी, जो 11 जून 2025 तक 21.9 प्रतिशत हो गई.
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