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भारत में विक्स वैपोरब: एक विवादास्पद दवा जो अमेरिका में बैन है

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विक्स वैपोरब का विवाद

भारत में, एक विदेशी कंपनी, प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), विक्स वैपोरब नामक एक उत्पाद बेचती है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में विक्स का निर्माण और बिक्री दोनों ही अवैध हैं? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे जहर घोषित किया है। आप गूगल पर 'vicks vaporub banned' सर्च करके इसकी पुष्टि कर सकते हैं।


अमेरिका में विक्स का उपयोग

यदि अमेरिका में कोई डॉक्टर विक्स वैपोरब की प्रिस्क्रिप्शन लिखता है, तो उसे 14 साल की जेल हो सकती है और उसकी डिग्री भी रद्द की जा सकती है। विक्स वैपोरब अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है। WHO और वैज्ञानिकों ने इसे जहर मानते हुए इसके उपयोग पर रोक लगाने की सिफारिश की है।


भारत में विक्स का विज्ञापन

भारत में एक कानून है जो दवाओं के विज्ञापनों पर रोक लगाता है, लेकिन पैसे और भ्रष्टाचार के चलते विक्स जैसे उत्पादों के विज्ञापन लगातार टीवी और अखबारों में दिखाई देते हैं। विक्स वैपोरब की कीमतें भी काफी ऊँची हैं, जैसे 25 ग्राम का पैकेट 40 रुपये में मिलता है।


स्वास्थ्य के लिए हानिकारक image

आप सोचिए, 1 किलो विक्स की कीमत 1600 रुपये है। यह एक हानिकारक उत्पाद है जो आपके और आपके बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है।


आयुर्वेदिक विकल्प

सर्दी और खांसी के लिए आयुर्वेद में दालचीनी एक प्रभावी उपाय है। इसे पीसकर एक चम्मच शहद में मिलाकर सेवन करना फायदेमंद होता है। गले में दर्द या टॉन्सिल्स की समस्या होने पर शुद्ध हल्दी का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है।


सरकार से सवाल image भला हो मोदी सरकार का जिसने विक्स का 500 वाला वर्शन बंद कर दिया

इस विक्स उत्पाद को घर से बाहर फेंक दें और RTI के माध्यम से सरकार से सवाल करें कि यदि यह अमेरिका में बैन है, तो भारत में क्यों बिक रहा है।


प्रॉफिट और भ्रष्टाचार

विक्स पेट्रोलियम जेली से बनता है, जिसकी लागत 60-70 रुपये प्रति किलो है। प्रॉक्टर एंड गैंबल कंपनी को विक्स की बिक्री पर 20000% से अधिक का मुनाफा होता है। यह मुनाफा आपकी जेब से लूटा जा रहा है और सरकार इस घोटाले में शामिल है।


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