Baháʼí समुदाय ने बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव मनाने के लिए 206वीं और 208वीं वर्षगांठ का आयोजन किया। यह उत्सव 22 और 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
इस अवसर पर, बहाउल्लाह, जो Baháʼí धर्म के संस्थापक हैं, और बाब, जो Baháʼí धर्म के अग्रदूत हैं, के जन्म का स्मरण किया जाएगा।
यह पवित्र उत्सव मानवता के लिए एक नई सुबह की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें बाब और बहाउल्लाह की शिक्षाएं एकता की ओर ले जाती हैं।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव, जो एक साथ मनाए जाते हैं, मानवता के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत देते हैं।
बाब और बहाउल्लाह के जीवन और शिक्षाएं मानवता की एकता की ओर ले जाती हैं।
यह उत्सव नव-रूज़ के बाद आठवें नए चंद्रमा के पहले और दूसरे दिन मनाया जाता है, जो बहाई कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होता है।
बाब का जन्म 20 अक्टूबर 1819 को हुआ था, जबकि बहाउल्लाह का जन्म 12 नवंबर 1817 को हुआ था।
2015 से पहले, इन पवित्र दिनों का उत्सव इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता था, लेकिन अब इसे बहाई कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है।
दुनिया के लोग लंबे समय से शांति और सद्भाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और इस नए युग की शुरुआत बाब और बहाउल्लाह के आगमन से हुई।
बाब और बहाउल्लाह के बीच का संबंध बहाई विश्वास का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। दोनों को अपने-अपने धर्मों के संस्थापक माना जाता है।
बाब का नाम सिय्यिद अली-मुहम्मद था, और उनका जन्म 1819 में हुआ था। बहाउल्लाह का जन्म 1817 में हुआ था।
बाब ने इस्लामिक कानूनों को समाप्त किया और एक नई धर्म की स्थापना की, जो एकता, प्रेम और सेवा पर जोर देती है।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव बहाई धर्म के नौ पवित्र दिनों में से एक है, जब बहाई समुदाय एकत्रित होते हैं।
यह उत्सव एक नई युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें मानवता की एकता और शांति की स्थापना की जाती है।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव बहाई धर्म के दो केंद्रीय व्यक्तित्वों के जन्म का जश्न है।
यह उत्सव एकता, प्रेम और सेवा के सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।
बाब का नाम 'गेट' है, और वह बहाई धर्म के अग्रदूत माने जाते हैं।
बहाउल्लाह का नाम 'ईश्वर की महिमा' है, और वह बहाई धर्म के संस्थापक हैं।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव मानवता के लिए एक नई युग की शुरुआत का प्रतीक है।
यह उत्सव बहाई धर्म के सिद्धांतों की पुष्टि करता है और मानवता की एकता का संदेश फैलाता है।
बाब का जन्म 1819 में हुआ था, और वह बहाई धर्म के अग्रदूत हैं।
बहाउल्लाह का जन्म 1817 में हुआ था, और वह बहाई धर्म के संस्थापक हैं।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव एकता और शांति का प्रतीक है।
यह उत्सव बहाई धर्म के सिद्धांतों को बढ़ावा देता है और मानवता की एकता का संदेश फैलाता है।
बाब और बहाउल्लाह के जन्मदिनों का उत्सव बहाई धर्म के दो केंद्रीय व्यक्तित्वों के जन्म का जश्न है।
यह उत्सव एकता, प्रेम और सेवा के सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।
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