प्रसिद्ध विजयशांति, जो तेलुगु सिनेमा में एक मजबूत पहचान रखती हैं, ने हिंदी सिनेमा में भी एक दिलचस्प यात्रा की। उन्होंने एन चंद्रा की फिल्म 'तेजस्विनी' में नकारात्मक भूमिका निभाई। हालांकि यह फिल्म अपेक्षाकृत सफल नहीं रही, लेकिन विजयशांति की पुलिस अधिकारी की भूमिका ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
हिंदी सिनेमा में उनकी यादें
कुछ साल पहले एक साक्षात्कार में, विजयशांति ने हिंदी सिनेमा के साथ अपने अनुभवों को याद किया। उन्होंने कहा, "मेरी पहली हिंदी फिल्म 'ईश्वर' थी, जिसमें मैंने अनिल कपूर के साथ काम किया। यह एक शानदार फिल्म थी और मुझे इसमें एक बेहतरीन भूमिका मिली। इसके बाद 'तेजस्विनी' आई, जिसने मुझे एक एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया।"
महिला अमिताभ का खिताब
'तेजस्विनी' में पुलिस की भूमिका निभाते हुए, उन्होंने अपने स्टंट खुद किए। विजयशांति ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी ऊँचाई तक पहुँच सकती हूँ। एक सशक्त महिला के रूप में बुराइयों का सामना करना बहुत आकर्षक था। मुझे कई पुलिस की भूमिकाएँ ऑफर की गईं, लेकिन मैंने सभी को ठुकरा दिया।"
राजनीति में कदम
विजयशांति ने 1980 और 90 के दशक में कई हिट फिल्में दीं, लेकिन 2006 के बाद वह स्क्रीन से गायब हो गईं। उन्होंने हंसते हुए कहा, "राजनीति, सर, राजनीति। मैंने तेलंगाना के निर्माण में खुद को समर्पित करने का निर्णय लिया। मैं नहीं चाहती थी कि लोग मुझे यह कहें कि मैं राजनीति का इस्तेमाल कर रही हूँ।"
फिल्मों से दूर रहने का निर्णय
जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, तो उनका इरादा कभी भी फिल्मों में लौटने का नहीं था। उन्होंने कहा, "मैंने 40 साल तक अभिनय किया था जब राजनीति ने मुझे बुलाया। मैं फिल्म करियर को जारी नहीं रखना चाहती थी। यह पूरी तरह से राजनीति होनी चाहिए थी।"
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