नई दिल्ली: डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करना आवश्यक है। विश्वभर में अधिकांश लोग टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त हैं, जबकि टाइप 1 डायबिटीज के मामले कम होते हैं। टाइप 2 डायबिटीज तब होती है जब पैनक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता, जबकि टाइप 1 में यह उत्पादन पूरी तरह से बंद हो जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा डायबिटीज का एक प्रमुख कारण है। मोटे व्यक्तियों में इस बीमारी का खतरा अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं जो ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही, एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर भी इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
केसर का प्रभाव: नई शोध के निष्कर्ष
जर्नल ऑफ रिसर्च इन मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया है कि रोजाना केसर का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर स्तर में कमी आ सकती है। इस अध्ययन में 54 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिन्हें दो समूहों में बांटा गया। एक समूह को 8 हफ्तों तक सप्ताह में दो बार केसर एक्सट्रैक्ट की कैप्सूल दी गई।
जिस समूह को केसर की कैप्सूल दी गई, उनके ब्लड शुगर स्तर में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। शोधकर्ताओं का कहना है कि केसर का सेवन शरीर में ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
हालांकि, केसर के सेवन से डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर स्तर में कमी के पुख्ता प्रमाण अभी तक नहीं मिले हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि डायबिटीज अब एक सामान्य समस्या बन चुकी है, जो आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है, लेकिन खराब जीवनशैली के कारण अब युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
You may also like
ट्रंप ने जेलेंस्की से बातचीत में कहा – यूरोप रूसी तेल खरीद बंद करे, चीन पर भी दबाव डाले
हार्ट` अटैक आने से पहले शरीर चीख-चीख कर देता है ये 5 इशारे पर ज़्यादातर लोग कर देते हैं नज़रअंदाज़..
किसी भी नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करना गलत है: टीएस सिंहदेव
इंदौर: अस्पताल में चूहों के काटने से नवजात शिशुओं की मौत पर एनसीपीसीआर ने भेजा नोटिस
एनडीए को विकास कार्यों का लेखा-जोखा देना चाहिए: कृष्णा अल्लावरु