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घी बनाम सरसों का तेल: कौन सा है सेहत के लिए बेहतर?

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घी और सरसों का तेल: भारतीय खानपान में प्रमुखता

भारतीय भोजन में सबसे अधिक उपयोग होने वाले दो प्रकार के वसा हैं: सरसों का तेल और घी। ये दोनों ही विभिन्न प्रकार के पकवानों जैसे परांठे, सब्जियाँ, दालें और तले हुए स्नैक्स में प्रमुखता से उपयोग होते हैं। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि ये दोनों स्वास्थ्य के लिए समान रूप से लाभकारी हैं, क्योंकि इनके पोषण तत्व और गुण भिन्न होते हैं।


इस लेख में हम जानेंगे कि घी और सरसों के तेल में से कौन सा अधिक फायदेमंद है और किसका सेवन करने से स्वास्थ्य को अधिक लाभ मिलता है।


घी और सरसों का तेल: स्वास्थ्य पर प्रभाव

घी एक प्रकार का क्लैरिफाइड बटर है, जो भारतीय व्यंजनों में बहुतायत से उपयोग किया जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया में मक्खन को गर्म करके दूध के ठोस तत्वों और पानी को अलग किया जाता है। इसके बाद, इसे छानकर घी के रूप में उपयोग किया जाता है।



  • घी का स्वाद अद्वितीय होता है और इसे रोटी या परांठे पर लगाकर खाया जाता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं और त्वचा की समस्याओं को भी ठीक करने में मदद करता है।

  • घी में हेल्दी फैट्स, मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं, साथ ही इसमें विटामिन ए, डी, ई और के भी मौजूद होते हैं।


सरसों का तेल: गुण और उपयोग

सरसों का तेल, जो सरसों के बीजों से निकाला जाता है, भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी व्यंजनों में प्रमुखता से उपयोग होता है। इसका रंग गहरा पीला होता है और इसमें कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।



  • यह मोनोसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड्स का अच्छा स्रोत है।

  • सरसों का तेल एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।

  • इसमें विटामिन ई और सेलेनियम की अच्छी मात्रा होती है, जो कोशिकाओं के लिए फायदेमंद है।


घी के लाभ और हानियाँ

घी का उपयोग किसी भी पकवान में स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें हेल्दी फैट्स और सीएलए (CLA) होते हैं, जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका स्मोकिंग प्वाइंट सरसों के तेल की तुलना में कम होता है, जिससे इसे डीप फ्राइंग के लिए नहीं उपयोग किया जा सकता।


इसके अधिक तापमान पर पकाने से यह खराब हो सकता है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भी कम होती है।


सरसों के तेल के लाभ और हानियाँ

कुकिंग के लिए सरसों का तेल एक अच्छा विकल्प माना जाता है, क्योंकि इसका स्मोकिंग पॉइंट अधिक होता है। इसे उच्च तापमान पर पकाने पर भी यह जल्दी खराब नहीं होता। इसका स्वाद तेज होता है और यह व्यंजनों में एक अलग स्वाद जोड़ता है।


हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं। गर्मियों में इसका उपयोग कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है और इसका स्वाद सभी को पसंद नहीं आता।


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