बरगर डिजीज, जिसे थ्रॉम्बोएंजाइटिस ओब्लिटेरेंस के नाम से भी जाना जाता है, सिगरेट और तंबाकू के सेवन से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी हाथ और पैरों के अंगों को काटने की नौबत तक पहुंचा सकती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी हर एक लाख लोगों में 12 से 20 व्यक्तियों को प्रभावित करती है। भारत में इसके मामले अमेरिका और यूरोप की तुलना में अधिक देखने को मिलते हैं। यहां पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) के लगभग 45 से 60 प्रतिशत मरीजों को बरगर डिजीज का सामना करना पड़ता है। PAD एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे हाथों और पैरों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, बरगर डिजीज मुख्य रूप से धूम्रपान करने वालों में पाई जाती है। इस बीमारी में हाथों, पैरों और उंगलियों की रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, जिससे रक्त प्रवाह में कमी आती है। इसके परिणामस्वरूप रक्त वाहिकाओं में थक्के बनने लगते हैं। हाथों और पैरों में रक्त की कमी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे ऊतकों को नुकसान पहुंच सकता है और गैंग्रीन विकसित हो सकता है। गंभीर मामलों में प्रभावित अंगों को काटने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
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