पुलिस ने एक मामले की जांच शुरू की, जिसमें 15 मरीजों के हेल्थ इंश्योरेंस से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। इस मामले में अस्पताल के संचालक शमशुल और उसके सहयोगी प्रवीण को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद दो अन्य संदिग्धों को भी सबूतों के आधार पर हिरासत में लिया गया।
जांच की गति
गोरखपुर के डिसेंट अस्पताल में बिना किसी मरीज को भर्ती किए 1.20 करोड़ रुपये के हेल्थ इंश्योरेंस धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रही है। संचालक के खाते में पिछले डेढ़ महीने में 15 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ, जबकि वर्तमान में केवल नौ हजार रुपये ही शेष हैं।
डॉक्टर की शिकायत
डिसेंट अस्पताल के खिलाफ एक डॉक्टर ने मई में स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पहले लेनदेन के बारे में प्रार्थना पत्र दिया था, जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल का पंजीकरण नवीनीकरण नहीं किया। इसके बावजूद अस्पताल का संचालन जारी रहा।
फर्जी भुगतान का खुलासा
बजाज आलियांस फाइनेंस की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली निवासी सत्यदीप के नाम पर फर्जी तरीके से 1.80 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस भुगतान किया गया, जबकि सत्यदीप ने पुष्टि की कि वह अस्पताल में कभी गए ही नहीं।
संदिग्ध फाइलें और गिरफ्तारी
पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड में कई संदिग्ध फाइलें पाई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि फर्जी मरीजों को दिखाकर क्लेम पास किए जा रहे थे। अब पुलिस ने कथित डॉक्टर और अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस का बयान
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पुलिस सभी आरोपियों के खातों की जांच कर रही है और गिरोह में शामिल सभी व्यक्तियों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
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