
कोच गंभीर - भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जिन्हें उचित अवसर न मिलने के कारण उनका करियर ठहर जाता है। ऐसा ही एक मामला अभिमन्यु ईश्वरन के साथ देखने को मिला है, जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हजारों रन बनाए हैं, लेकिन अभी तक भारतीय टीम में डेब्यू नहीं कर पाए हैं।
यहां तक कि टीम इंडिया के हेड कोच गंभीर ने उन्हें लगातार नजरअंदाज किया है, जबकि वे पहले ही उन्हें मौका दे सकते थे। तो आइए जानते हैं कि यह खिलाड़ी कौन है।
अभिमन्यु के पिता का दर्द अभिमन्यु के पिता का दिल टूट गया
जिस खिलाड़ी की बात हो रही है, उनका नाम अभिमन्यु ईश्वरन है। कोच गंभीर के उनके करियर को बर्बाद करने के आरोप को अभिमन्यु के पिता, रंगनाथन ईश्वरन ने सार्वजनिक किया है। उन्होंने कहा कि कोच गंभीर ने अभिमन्यु को भरोसा दिलाया था कि उन्हें लंबा मौका मिलेगा।
हालांकि, पिछले चार सालों से उनका इंतजार जारी है और इस दौरान 15 नए खिलाड़ियों को भारतीय टीम में डेब्यू का मौका मिल चुका है। इनमें केएस भरत, यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और साई सुदर्शन जैसे नाम शामिल हैं।
अभिमन्यु की जगह सुदर्शन को मौका अभिमन्यु की जगह सुदर्शन को मौका मिला
सबसे बड़ी निराशा इस बात को लेकर है कि इंग्लैंड दौरे पर जब वन-डाउन बल्लेबाज की आवश्यकता थी, तब कोच गंभीर ने साई सुदर्शन को मौका दिया, जबकि अभिमन्यु का घरेलू क्रिकेट में इस पोजीशन पर शानदार रिकॉर्ड रहा है। उनके पिता का कहना है कि साई सुदर्शन के शुरुआती स्कोर (0, 31, 0, 61) यह साबित करते हैं कि कोच गंभीर अभिमन्यु को भी आज़मा सकते थे।
कोच गंभीर का चयन पैटर्न कोच गंभीर का चयन पैटर्न सवालों में
रंगनाथन ने यह भी सवाल उठाया कि करुण नायर, जो कभी वन-डाउन नहीं खेले, उन्हें अचानक इस पोजीशन पर क्यों उतारा गया? उनका मानना है कि टीम मैनेजमेंट ऐसे खिलाड़ियों को मौका दे रहा है जो मिडिल ऑर्डर में खेलते हैं, जबकि ओपनिंग के असली दावेदारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह न केवल अभिमन्यु के साथ अन्याय है, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी घाटे का सौदा है।
अभिमन्यु का शानदार घरेलू रिकॉर्ड शानदार घरेलू रिकॉर्ड
अभिमन्यु के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 12,000 से अधिक रन हैं, जिसमें 37 शतक और 57 अर्धशतक शामिल हैं। 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने लगातार दो शतक जड़े, जबकि न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी उनका बल्ला चला। 2021 में वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे।
कोच गंभीर का निर्णय अगर कोच गंभीर चाहते तो...
यह स्पष्ट है कि अगर कोच गंभीर चाहते, तो अभिमन्यु को पहले ही टेस्ट टीम में मौका मिल सकता था। इतने सालों का इंतजार न केवल खिलाड़ी का मनोबल गिराता है, बल्कि उसकी प्रगति भी रोक देता है। सचिन और कोहली को भी करियर की शुरुआत में समय पर मौका मिला, और उन्होंने उसका फायदा उठाकर इतिहास रच दिया। अभिमन्यु में भी वैसा ही पोटेंशियल है, लेकिन उन्हें कोच गंभीर की वजह से वही मौका नहीं मिल रहा।
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