हाल के समय में, अंडा शाकाहार का प्रतीक बन गया है, और यह देखकर आश्चर्य होता है कि विभिन्न समुदायों में इसे खाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इस विषय पर चर्चा करते हुए, यह महत्वपूर्ण है कि हम इसके वैज्ञानिक पहलुओं पर ध्यान दें।
महिलाओं में, 10 से 15 वर्ष की आयु में अंडाशय में हर महीने एक अंडा विकसित होता है। यह अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय तक पहुंचता है। जब यह गर्भाशय में पहुंचता है, तो उसका अस्तर रक्त और तरल पदार्थ से भर जाता है, ताकि यदि अंडा उर्वरित हो जाए, तो वह विकसित हो सके। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह मासिक धर्म के रूप में बाहर निकलता है।
अन्य स्तनधारियों में भी अंडोत्सर्जन का एक चक्र होता है, जो कि मनुष्यों में मासिक धर्म के समान है। इस दौरान, महिलाओं को धार्मिक गतिविधियों से दूर रखा जाता है, और कई परिवारों में इसे वर्जित माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मासिक स्राव के दौरान महिलाओं में हार्मोन का स्तर बढ़ता है। एक प्रयोग के माध्यम से, यदि एक रजस्वला महिला द्वारा पौधे को पानी दिया जाए, तो वह पौधा सूख सकता है।
मुर्गी के अंडे के बारे में तथ्य
1) मुर्गियों में भी अंडोत्सर्जन एक चक्र के रूप में होता है, लेकिन यह ठोस रूप में अंडे के रूप में निकलता है।
2) अंडा वास्तव में मुर्गी की मासिक धर्म का एक रूप है और इसमें हार्मोन होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
3) आधुनिक तकनीक के कारण, मुर्गियों को ओक्सिटोसिन का इंजेक्शन दिया जाता है, जिससे वे लगातार अंडे देती हैं।
4) अंडों का सेवन पुरुषों में हार्मोन असंतुलन, नपुंसकता और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
5) अंडों में पोषक तत्वों के लाभ से अधिक, स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अधिक है।
6) अंडे का पीला भाग कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होता है, जो हृदय रोग का कारण बन सकता है।
7) अंडों का सेवन धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी विवादास्पद है। इसके बजाय, दूध का सेवन अधिक लाभकारी और पवित्र माना जाता है।
हालांकि, एलोपैथी चिकित्सा में अंडे को आवश्यक बताया जाता है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि भारत में अंडे का कोई विशेष महत्व नहीं है। यहाँ कई पौधों और अनाजों में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं।
इस वीडियो में जानें कि हमें अंडा क्यों नहीं खाना चाहिए >>
https://youtube.com/watch?v=OrTNUCU2rm4%3Ffeature%3Doembed
आपसे निवेदन है कि शाकाहारी बनें!
भारत की भूमि पर शाकाहार का एक गौरवमयी इतिहास है।
महावीर, राम, कृष्ण और नानक जैसे महान व्यक्तित्वों ने शाकाहार को अपनाया।
इसलिए, हमें भी शाकाहार को अपनाना चाहिए और इसके लाभों को समझना चाहिए।
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