सबसे ज्यादा बारिश के मौसम में मक्खियां तंग करती हैं। मक्खियों से कई तरह की बीमारिया हो सकती है। क्योंकि ये गंदगी और सड़ी-गली चीज़ों पर बैठने के बाद हमारे खाने-पीने की चीज़ों पर बैठ कर बीमारियां फैला देती हैं। यही वजह है कि लोग मक्खियों को अपने आस पास आने नहीं देते। मुख्य रूप से मीठे पर तो मक्खियां आती हैं। मक्खियां खाने पीने के सामान पर बैठती है। कई बार तो ऐसा होता है मक्खियों को बार-बार भागने के बाद भी वो घूम फिर कर ठीक उसी जगह पर भिनभिनाती हैं। दरअसल, मक्खियो को हर चीज को स्लो मोशन में दिखती हैं। वो चीजों को सीखने और समझने में काफी सक्षम भी हैं। हालांकि, वो बेहद चालाक तो नहीं होती, लेकिन वो चीजों को याद रखने में एक्सपर्ट होती हैं। वो भोजन को रंग और किसी दर्द को उसके आकर से पहचान सकती हैं।
क्यों वापस आ जाती हैं ये मक्खियां :दरअसल मक्खियों को बार-बार उड़ाने के बाद भी वापस लौटने के पीछे कोई खास वजह नहीं लेकिन मक्खियों के बारे में कहते है कि उनकी सूंघने की शक्ति काफी येज होती है। वो एक बार जिस चीज को चखती हैं फिर उसे भूल नहीं सकती हैं। इसीलिए वो घूम फिर कर उसी जगह पर बैठती हैं।
हालाँकि मक्खियों की याददाश्त भी तेज रहती है। जब आप इन्हें भगा देते हैं तो वो आपको याद रख लेती हैं। इंसान का पहला हमला इन्हें हमेशा याद रहता हैं। फिर ये ज्यादा सतर्क हो जाती हैं। फिर अपने भोजन के लिए वापस जाती हैं।
हालाँकि Treehugger के एक लेख के अनुसार तो मक्खियां को इंसानों पसंद होते हैं। मक्खियों के पसंदीदा भोजन, पॉटी, खाना और सड़ते मांस की तरह ही हम इंसान भी उन्हें पसंद होते है। मक्खियां इंसानों के शरीर पर पसीना, डेड स्किन, ऑयल या कुछ भी जो उनके खाने लायक हो उसके लिए बैठ जाती है।
दरअसल The Statesman के एक लेख के मुताबिक, मक्खियों का मुंह बेहद सॉफ़्ट, स्पंजलाइक रहता है और ये इंसानों के शरीर को काटती नहीं, बल्कि त्वचा का खाना चूस लेती हैं। इंसान कार्बन डायऑक्साइड छोड़ते हैं और मक्खियां इससे भी आकर्षित रहती हैं। इंसानों के शरीर का हीट, पसीना और सॉल्ट भी मक्खियों को भाता है। बस इतना ही नहीं मक्खियां यदि आपस में लड़े तो हार या जीत के बाद वो अपने दुश्मन को नहीं भूलती और उसी के मुताबिक व्यवहार भी करती हैं। मक्खियों का वैज्ञानिक नाम Drosophila ड्रोसोफिला होता है।
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