राजस्थान के श्रीगंगानगर में धर्मांतरण गिरोह का खुलासा हुआ है। यहाँ चेन्नई की फ्रेंड्स मिशनरी प्रेयर बैंड (FMDB) सक्रिय है। पौलुस बारजो 11 साल में 454 हिंदुओं को ईसाई बना चुका है।
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में धर्मांतरण गिरोह का खुलासा हुआ है। यहाँ चेन्नई की फ्रेंड्स मिशनरी प्रेयर बैंड (FMDB) सक्रिय है, जो हिंदू धर्म के लोगों को ईसाई में परिवर्तित करती है। पकड़े गए आरोपित पौलुस बारजो ने बताया कि वह 11 साल में 454 हिंदुओं को ईसाई बना चुका है।
पौलुस बारजो श्रीगंगानगर में FMDB मिशनरी का इंचार्ज है। मिशनरी से उसे हर साल 20 लोगों के धर्मांतरण का टारगेट मिलता था। इसके लिए उसे 9 हजार रुपए महीना और अन्य लाभ दिए जाते थे।
बारजो शादी का झाँसा देकर धर्मांतरण करवाता था। इस गिरोह में उसके साथ बाप-बेटे विनोद और आर्यन भी शामिल हैं।
पीड़ित संदीप की शिकायत पर मामला आया सामने
श्रीगंगानगर में धर्मांतरण गिरोह के सक्रिय होने का खुलासा तब हुआ जब अनूपगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले संदीप ने धर्म परिवर्तन की शिकायत पुलिस से की। शिकायत में संदीप ने बताया कि अनूपगढ़ रेलवे स्टेशन के पास वह बाइक स्पेयर पार्ट्स की दुकान पर गया था। यहाँ दुकान मालिक आर्यन और उसके बाप विनोद ने संदीप से शादी के बारे में पूछा। फिर शादी का झाँसा देकर मिशनरी के इंचार्ज पैलुस बारजो से मिलवाया।
संदीप ने आगे बताया कि 20 दिन पहले पौलुस बारजो ने उसे ईसाई धर्म में परिवर्तित होने का लालच दिया और कहा- “अगर तुम ईसाई धर्म अपना लेते हो तो प्रभु तुम से खुश हो जाएँगे और तुम्हारी शादी हो जाएगी।” इसके बाद बारजो ने नहर के पानी में डुबकी लगवाकर संदीप को ईसाई बना दिया।
पीड़ित संदीप ने कहा कि इसके बाद बारजो ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। बारजो उससे लगातार बाकी हिंदुओं को भी ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का दबाव बनाने लगे। इससे तंग आकर संदीप ने पुलिस और विश्व हिंदू परिषद से शिकायत की।
पौलुस बारजो का धर्मांतरण गिरोह
संदीप की शिकायत पर पुलिस ने 47 वर्षीय पौलुस बारजो और आर्यन को पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ में बारजो ने 454 हिंदुओं का धर्मांतरण करवाने की बात कबूल कर ली। पुलिस को उसके पास से रजिस्टर भी मिला है, जिसमें धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों का पूरा डाटा है। बारजो के मकान का किराया, खाना, प्रार्थना सभा, आने-जाने का खर्च, बच्चों की स्कूल फीस भी मिशनरी ही देता है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मांतरण के लिए बारजो बीमार और गरीब हिंदू परिवारों को निशाना बनाता है। उन्हें प्रलोभन से ईसाई धर्म में बदलता है। अब तक बारजो ने जितने भी धर्मांतरण किए है, वे सभी पहले हिंदू ही थे। धर्मांतरण के लिए बारजो ने गैंग बनाया हुआ है।
अनूपगढ़ क्षेत्र में श्यामलाल और सुरजीत नाम के दो लोगों को काम पर लगाया हुआ है। इन लोगों ने गाँव-गाँव में अपने गुर्गे छोड़ रखे हैं, जो हिंदू लोगों का ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण का टारगेट पूरा करते हैं। ये सब भी हिंदू से ईसाई में धर्म परिवर्तन कराए हुए है। इस गिरोह में महिलाएँ भी शामिल हैं।
पौलुस बारजो ने 30 साल पहले कराया धर्मांतरण
पौलुस बारजो ने बताया कि वह झारखंड के कटिंगगेल गाँव का रहने वाला है। उसका मूल धर्म हिंदू ही है। वह 30 साल पहले 1995 में ईसाई बना था। बारजो का बड़ा भाई भी ईसाई बन गया है। बारजो ने धर्मांतरण करवाने के बाद ही 2003 में FMDB मिशनरी से जुड़ा।
FMDB से जुड़ने के लिए बारजो ने इंटरव्यू दिया। इसमें पास होने के बाद उसे झाँसी में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। एक साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सबसे पहले राजस्थान के सीकर जिले में धर्मांतरण के काम का अंजाम देना शुरू किया।
इसके बाद 2008 में बारजो अनूपगढ़ आया और 2016 में चला गया। इस दौरान कई अन्य राज्यों में घूमा। फिर 2022 में अनूपगढ़ वापस आया और मिशनरी का इंचार्ज बन धर्मांतरण गिरोह चलाने लगा। फिलहाल वह विनोद के घर पर रहता था।
विश्व हिंदू परिषद ने की कार्रवाई की माँग
मामला सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने कार्रवाई की माँग की है। संगठन के जिला मंत्री कृष्ण राव ने कहा कि पौलु बारजो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवा रहा है। राव ने कहा कि इसके अलावा हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के लिए अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया।
जिला मंत्री ने कहा कि संदीप ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस से शिकायत की, अब संगठन पुलिस प्रशासन से मामले में कठोर कार्रवाई की माँग करता है।
धर्मांतरण के खिलाफ राजस्थान सरकार लाई सख्त कानून
राजस्थान की बीजेपी सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार धर्मांतरण के खिलाफ नया बिल लाई है। यह बिल ‘राजस्थान विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ विधानसभा में पारित हो गया है। अब इसे राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस बिल के तहत जबरन धर्मांतरण करवाने पर उम्रकैद और अवैध धर्मांतरण कराने पर 14 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ₹5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है।
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