ढाका, 8 अक्टूबर . बांग्लादेश में Wednesday सुबह तक 24 घंटों में डेंगू के कारण तीन और लोगों की मौत हो गई, जिससे 2025 में मच्छर जनित बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 220 हो गई है. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के अनुसार, इस अवधि के दौरान वायरल बुखार के कारण 700 और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 52,104 हो गई. यूनाइटेड न्यूज ऑफ बांग्लादेश (यूएनबी) की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन (डीएससीसी) और ढाका नॉर्थ सिटी कॉर्पोरेशन (डीएनसीसी) से तीन लोगों के मौत की सूचना मिली.
डीजीएचएस के अनुसार, ढाका नॉर्थ सिटी कॉर्पोरेशन (155), ढाका डिवीजन (149), ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन (110), बारिशाल डिवीजन (105), चटगांव डिवीजन (61), खुलना डिवीजन (45), मयमनसिंह डिवीजन (33), राजशाही डिवीजन (31), रंगपुर डिवीजन (6) और सिलहट डिवीजन (5) में नए मामले सामने आए. वर्तमान में, बांग्लादेश के विभिन्न अस्पतालों में 2,473 मरीजों का इलाज चल रहा है.
2024 में डेंगू के कारण कुल 575 लोगों की मौत हुई. डीजीएचएस के अनुसार, इसी अवधि के दौरान बांग्लादेश में डेंगू के 1,01,214 मामले सामने आए और 1,00,040 लोग ठीक हुए.
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू वायरस (डीईएनवी) के कारण होता है, ये संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेंगू दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में फैलता है. ज्यादातर शहरी क्षेत्रों में पाया जाता है. डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण वेक्टर नियंत्रण पर निर्भर करता है. डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, हालांकि, शीघ्र पहचान और उचित चिकित्सा देखभाल तक पहुंच गंभीर डेंगू से होने वाली मृत्यु दर को कम करती है.
पिछले हफ्ते, बांग्लादेश के स्वास्थ्य निदेशालय ने बुखार से पीड़ित सभी मरीजों से आग्रह किया था कि वे तुरंत अस्पताल जाकर डेंगू की जांच करवाएं और अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो चिकित्सा सहायता लें, स्थानीय मीडिया ने Sunday को इसकी जानकारी दी थी.
बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र, द डेली स्टार से बात करते हुए, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) के निदेशक (अस्पताल) अबू हुसैन मोइनुल अहसन ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने में देरी डेंगू से होने वाली मौतों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण है.
डीजीएचएस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “मुख्यतः, अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण डेंगू संक्रमण जटिल हो गया, जिससे प्रभावी उपचार के अवसर कम ही बचे. अस्पताल में देर से भर्ती होने या डॉक्टरों से परामर्श में देरी के कारण जटिल मामलों का इलाज मुश्किल हो जाता है.”
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां, सलाइन और डेंगू परीक्षण किट उपलब्ध हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू का शीघ्र पता लगाना, दिशानिर्देशों के अनुसार उपचार और मच्छर नियंत्रण के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करना आवश्यक है.
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