New Delhi, 18 जुलाई . पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने युवा भारतीय टीम का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया इंग्लैंड में चल रही टेस्ट सीरीज में वापसी कर सकती है. उन्होंने ये भी माना कि हार के बाद घबराहट से टीम का लय बिगड़ सकता है.
के साथ खास बातचीत में कैफ ने विराट कोहली, रोहित शर्मा, मोहम्मद शमी और आर. अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी के बावजूद भारतीय टीम की मजबूती की तारीफ की और कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व और बल्लेबाजी की सराहना की.
कैफ ने टीम के सिलेक्शन की वकालत की और टीम प्रबंधन को हार के बाद जल्दबाजी में फैसले न लेने की सलाह दी. उन्होंने करुण नायर जैसे खिलाड़ियों पर भरोसा और मौजूदा प्लेइंग इलेवन को समर्थन देने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “आपने चार दिन तक अच्छा क्रिकेट खेला और पांचवें दिन हार गए. इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी योजनाएं बदल दें.”
कैफ ने जसप्रीत बुमराह के अगले महत्वपूर्ण टेस्ट में खेलने की संभावना और बल्लेबाजी टीम के फॉर्म में होने पर कहा, “2-2 से सीरीज बराबर होने की अच्छी संभावना है, भारत को बस शांत रहकर समझदारी से खेलना होगा.”
सीरीज में भारत के प्रदर्शन पर कैफ ने कहा, “भारत ने पिछले 15 में से 12-13 दिन तक दबदबा बनाए रखा. उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार क्रिकेट खेला. जब यह टीम इंग्लैंड पहुंची, तो ज्यादातर लोग 0-4 या 1-4 से हार की भविष्यवाणी कर रहे थे, लेकिन इस युवा टीम ने सभी को चौंका दिया. कोहली, रोहित, शमी और अश्विन के बिना इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. दो करीबी मैच हारे—हेडिंग्ले भारत की पहुंच में था और 193 रनों का पीछा करते हुए आखिरी टेस्ट भी. शुभमन गिल ने कप्तान और बल्लेबाज के रूप में शानदार प्रदर्शन किया. इंग्लिश परिस्थितियों में उनकी क्षमता पर सवाल थे, लेकिन उन्होंने बल्ले से जवाब दिया. थोड़ी सी किस्मत के साथ भारत तीनों टेस्ट जीत सकता था.”
लॉर्ड्स में आखिरी मैच के रन-चेज और रवींद्र जडेजा पर बात करते हुए कैफ ने कहा, “जडेजा ने शानदार पारी खेली और उन्हें पूरा श्रेय जाता है, लेकिन अगर वे 10 प्रतिशत अधिक आक्रामक होते, तो नतीजा अलग हो सकता था. यह 5वां दिन का पिच था और गेंद रिवर्स हो रही थी, उछाल असमान था, और परिस्थितियां मुश्किल थीं. जब यशस्वी जायसवाल बल्लेबाजी करने आए, तो उन्होंने केवल तीन गेंदें खेलीं. उस समय स्ट्राइक मैनेज करना जरूरी था और यह ध्यान देना कि बुमराह या सिराज जैसे टेलएंडर कितनी गेंदें खेल रहे हैं. जडेजा ने 90 प्रतिशत काम कर दिया था. बस 10 प्रतिशत और कुछ जोखिम भरे शॉट्स और चेज पूरा हो सकता था. लेकिन, बाहर से कहना आसान है. उस पल का दबाव केवल बल्लेबाज ही समझ सकता है. फिर भी, यह यादगार पारी थी.”
भारत की फील्डिंग पर बात करते हुए कैफ ने कहा, “कुल मिलाकर, भारत की फील्डिंग अच्छी रही. कुछ मिसफील्ड और ड्रॉप कैच हुए, लेकिन यह हर सीरीज में होता है. करुण नायर ने मुझे बहुत प्रभावित किया- मजबूत हाथ, साफ कैच और शानदार तकनीक. ऋषभ पंत की कमी खली. अगर पंत पूरी तरह फिट होते, तो विकेट के पीछे बड़ा अंतर पड़ता. जायसवाल ने आखिरी मैच में एक महत्वपूर्ण कैच छोड़ा, जो टर्निंग पॉइंट था. ऐसे क्षण मैच का रुख बदल सकते हैं. फिर भी, कैचिंग काफी हद तक ठीक रही. शुभमन गिल और केएल राहुल ने कुछ शानदार कैच लिए.”
कैफ ने फील्डिंग, टेपिंग और तकनीक पर कहा, “मैं जोरदार टेपिंग का समर्थक नहीं हूं. इससे उंगलियां सुन्न हो जाती हैं और लचीलापन कम हो जाता है. ज्यादा टेपिंग से उंगलियों का हिस्सा मोटा हो जाता है. जब गेंद लगती है, तो टेप स्पंज की तरह काम करता है और प्रभाव को कम करता है, और गेंद हाथ से निकल सकती है. जब मैं फील्डिंग करता था, तो मैं अपनी हथेलियों पर थूक का इस्तेमाल करता था, इससे गेंद को पकड़ने में मदद मिलती थी. फील्डिंग में दर्द सहना पड़ता है. आप इससे बच नहीं सकते और इसे सहना पड़ता है. जायसवाल एक अच्छे फील्डर हैं, हमने यह आईपीएल और टेस्ट में देखा है. लेकिन, उंगलियों पर ज्यादा टेपिंग से अपनी स्वाभाविक पकड़ और फीलिंग को देते हैं. शायद यही उनके कैच छूटने का कारण रहा.”
भारतीय टीम के चयन के दृष्टिकोण पर मोहम्मद कैफ ने कहा, “मैंने देखा है कि जब भारत हारता है, तो वे घबरा जाते हैं. लेकिन जब जीतते हैं, तो वे उसी प्लेइंग इलेवन के साथ बने रहते हैं. पहला टेस्ट हारने के बाद उन्होंने 2-3 बदलाव किए. लेकिन बर्मिंघम में जीत के बाद सिर्फ बुमराह को शामिल किया, कोई और बदलाव नहीं. यही पैटर्न रहा है. तीसरा टेस्ट हारने के बाद भी मेरा मानना है कि उन्हें मैनचेस्टर में उसी टीम के साथ उतरना चाहिए. करुण नायर ने 30-40 रन की शुरुआत की है, लेकिन वे रन नहीं बना पा रहे हैं. फिर भी, उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए. मेरे लिए यह इंग्लैंड का पिछले कई सालों में सबसे कमजोर गेंदबाजी आक्रमण है. कोई ब्रॉड, कोई एंडरसन नहीं, और आर्चर अभी पूरी तरह वापस नहीं आए हैं. मैंने कभी इतना हल्का इंग्लैंड का आक्रमण नहीं देखा. फिर भी, हम 193 रनों का पीछा नहीं कर पाए. यहीं हम खेल हार गए. यह शुभमन गिल और गौतम गंभीर दोनों के लिए एक परीक्षा है. करीबी हार के बाद क्या वे घबराएंगे और बदलाव करेंगे? या खिलाड़ियों पर भरोसा रखेंगे?”
टीम के मनोबल पर कैफ ने कहा कि सबसे पहले, घबराएं नहीं. घबराहट से दबाव बनता है और दबाव से गलतियां होती हैं. हां, भारत को अब बचे दोनों टेस्ट जीतने की जरूरत है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपना संयम खो दें. शांत रहना सबसे जरूरी है.
कैफ ने भारत की बल्लेबाजी पर बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम का 80-90 प्रतिशत हिस्सा अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. गिल फॉर्म में हैं, जायसवाल ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पंत आत्मविश्वास से खेल रहे हैं और जडेजा लगातार रन बना रहे हैं. सुंदर ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. अगर बल्लेबाजी चल रही है, तो उसे बदलने की कोई जरूरत नहीं है. बस वही तरीका दोहराते रहिए.
कैफ ने जसप्रीत बुमराह पर कहा, “मैंने सुना है कि बुमराह अगले टेस्ट में खेलेंगे और यह बहुत बड़ी बात है. वे विकेट ले रहे हैं और महत्वपूर्ण सफलताएं दिला रहे हैं. पिछले मैच में उन्होंने गेंद से लगभग भारत को जिता ही दिया था. उन्हें बहुत जरूरी आराम मिला है, जो उनकी रिकवरी में मदद करेगा. यह एक महत्वपूर्ण मैच है और अगर भारत हार गया, तो सीरीज खत्म हो जाएगी.”
भारतीय टीम की संभावनाओं पर कैफ ने कहा, “भारत के पास सीरीज को 2-2 से बराबर करने की वास्तविक संभावना है और मुझे लगता है कि यह संभावना काफी अधिक है. यह टीम मजबूत वापसी करने में सक्षम है.”
शुभमन गिल की कप्तानी और टॉस के फैसलों पर बात करते हुए कैफ ने कहा, “अब तक शुभमन गिल तीन टॉस हार चुके हैं और दो में हमने पहले बल्लेबाजी की. इसके अलावा, एक में रन चेज किया, जिस मैच में हमने पहले गेंदबाजी चुनी, वह हम हार गए. मुझे नहीं लगता कि पहले गेंदबाजी करना सही फैसला था. आगे बढ़ते हुए टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करें, जैसा विराट कोहली करते थे. स्विंग या मौसम की परवाह किए बिना बोर्ड पर रन बनाएं. यही मानसिकता चाहिए. शुभमन अभी युवा हैं और सीख रहे हैं, उनमें एक मजबूत लीडर बनने की क्षमता है. ये अनुभव उन्हें बेहतर बनाएंगे.”
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एफएम/केआर
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