New Delhi, 12 अगस्त . कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के Supreme court के निर्देश पर कड़ी आपत्ति जताई है. राहुल गांधी ने कोर्ट के इस फैसले को मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे बताया.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का Supreme court का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है. ये बेजुबान कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटाया जा सके. आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल से सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बिना क्रूरता के.”
उन्होंने आगे कहा कि सभी कुत्तों को एक साथ हटाना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह दूरदर्शिता की कमी और हमारी करुणा को खत्म करने वाला कदम है. हम जन सुरक्षा और पशु कल्याण को एक साथ सुनिश्चित कर सकते हैं.
बता दें कि Monday को Supreme court ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जाहिर की थी. कोर्ट ने नगर निगम दिल्ली (एमसीडी) और न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) को तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने और हटाने का निर्देश दिया है. यह फैसला बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, जो इन कुत्तों के हमले और रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी के शिकार हो रहे हैं.
कोर्ट ने साफ कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के हर इलाके से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू किया जाए और उन्हें किसी अन्य सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाए. इस प्रक्रिया में किसी भी संगठन या व्यक्ति की ओर से बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कुत्तों को पकड़ने में जबरदस्ती रुकावट डालता है, तो उसे कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके पीछे की वजह हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमले हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरा और गंभीर हो गया है. रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा भी बढ़ रहा है. कोर्ट के अनुसार सड़कों को आवारा कुत्तों से मुक्त करना जरूरी है ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें.
न्यायालय ने एमसीडी और एनडीएमसी को तुरंत प्रभाव से यह कदम उठाने का आदेश दिया है. इसके लिए एक व्यवस्थित योजना बनाने के लिए कहा गया है, जिसमें कुत्तों को पकड़ने, उनका इलाज करने और उन्हें सुरक्षित जगह पर भेजने की व्यवस्था शामिल हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस काम में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और समयबद्ध तरीके से इसे लागू करना होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि मानव जीवन और सुरक्षा पहले हैं. यह हमारे लिए सर्वोपरि है. इसके लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए.
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पीएसके/एएस
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