बीजिंग, 9 अक्टूबर . “यह मेरी शीत्सांग की दूसरी यात्रा है. पिछली बार मैं यहां 2002 में आया था. इस बार जो बदलाव मैंने देखे हैं, वे वास्तव में प्रेरणादायक हैं,” चीन में कजाकिस्तान के राजदूत शाहरत नूरीशेव ने हाल ही में ल्हासा में सिन्हुआ समाचार एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा.
हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय ने कजाकिस्तान, अजरबैजान, आर्मेनिया, बेलारूस, मोल्दोवा, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राजदूतों तथा शांगहाई सहयोग संगठन के उप महासचिव के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल को शीत्सांग का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया.
नूरीशेव ने कहा, “2002 की तुलना में ल्हासा अब पूरी तरह बदल चुका है. चौड़ी सड़कों, आधुनिक और पारंपरिक तिब्बती शैली की मिश्रित इमारतों, सुसज्जित विद्यालयों और हरे-भरे उद्यानों ने शहर की सूरत बदल दी है. आज ल्हासा एक जीवंत और आधुनिक महानगर बन गया है.”
न्यिंगची के पाई जिला मिडिल स्कूल के अपने दौरे के दौरान राजदूत नूरीशेव विशेष रूप से शीत्सांग की शिक्षा व्यवस्था से प्रभावित हुए. उन्होंने कहा, “शीत्सांग अपने छात्रों को 15 वर्ष की नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करता है, जो दुनिया में दुर्लभ उदाहरणों में से एक है.”
उन्होंने आगे बताया कि यहां के विद्यालय केवल शैक्षणिक विषयों पर ही नहीं, बल्कि खेल, कला, संगीत और अन्य गतिविधियों पर भी समान ध्यान देते हैं. यह शिक्षा का वह मॉडल है जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करता है.
पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर नूरीशेव ने कहा, “पारिस्थितिकी संरक्षण आज एक वैश्विक चुनौती है. शीत्सांग में हमने मरुस्थलीकरण को रोकने, आर्द्रभूमियों की रक्षा करने और वनस्पतियों व जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम देखे हैं. यह न केवल शीत्सांग के लिए लाभकारी है, बल्कि मध्य एशियाई देशों के लिए भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है.”
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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