देवघर, 11 सितंबर . लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए झारखंड निवासी भारतीय सेना के ‘अग्निवीर’ नीरज कुमार चौधरी का Thursday को देवघर जिले के कजरा गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन को हजारों लोग उमड़ पड़े. उनका पार्थिव शरीर जब घर पर पहुंचा तो परिजनों के विलाप से माहौल गमगीन हो उठा. शहीद को गांव के टंडेरी घाट पर अंतिम संस्कार के समय सेना के जवानों ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया.
इस दौरान उपायुक्त नयन प्रियेश लकड़ा, पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डूंगडूंग, एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, अंचल अधिकारी यामुन रविदास और नगर प्रशासक सुरेंद्र किस्कु समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे.
24 वर्षीय नीरज चौधरी लगभग ढाई वर्ष पूर्व भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुए थे. शहीद के पिता अनिल चौधरी किसान हैं. परिवार ने कहा कि नीरज ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है और उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण और राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल हुए.
मंत्री हफीजुल हसन के प्रतिनिधि शब्बीर हसन, सारठ विधायक चुन्ना सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह, भाजपा नेता गंगा नारायण सिंह और राज पलिवार ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. इ
इससे पहले Wednesday को नीरज कुमार चौधरी का पार्थिव शरीर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और Chief Minister हेमंत सोरेन ने पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया.
Chief Minister सोरेन ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि शहीद होने वाले अग्निवीरों के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाएगी. नीरज के परिवार को भी इसका लाभ दिया जाएगा. शहीद नीरज चौधरी की शहादत दुखद है, लेकिन उन्होंने पूरे झारखंड को गौरवान्वित किया है.
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एसएनसी/एसके
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