New Delhi, 11 अगस्त . भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने देश में चुनावी प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया. चुनाव आयोग ने Monday को कहा कि उसने 476 अन्य पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/आरयूपीपी) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29(क) के प्रावधानों के तहत पंजीकृत हैं. इस अधिनियम के प्रावधानों के अधीन किसी भी संघ को एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत हो जाने पर कुछ विशेषाधिकार और लाभ मिलते हैं, जैसे कि प्रतीक, करों में छूट इत्यादि.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए दिशानिर्देशों में उल्लेख है कि अगर पार्टी 6 वर्षों तक लगातार चुनाव नहीं लड़ती है तो पार्टी को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा. निर्वाचन प्रणाली को स्वच्छ बनाने के लिए निर्वाचन आयोग की व्यापक और सतत रणनीति के एक हिस्से के रूप में आयोग उन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान करने और उन्हें सूची से हटाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया चला रहा है, जो 2019 से लगातार 6 वर्षों तक एक भी चुनाव लड़ने की आवश्यक शर्त को पूरा करने में विफल रहे हैं.
इस प्रक्रिया के पहले चरण में भारत निर्वाचन आयोग ने पहले ही 9 अगस्त 2025 को 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटा दिया है, जिससे सूचीबद्ध आरयूपीपी की संख्या 2,854 से घटकर 2,520 हो गई है. इस प्रक्रिया के दूसरे दौर के भाग के रूप में 476 अन्य गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान की गई है, जो देश भर के विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से हैं.
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी दल को अनुचित रूप से सूची से बाहर न किया जाए, संबंधित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निदेश दिया गया है, जिसके बाद संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा सुनवाई के माध्यम से इन दलों को एक अवसर दिया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्टों के आधार पर, किसी भी आरयूपीपी को सूची से हटाने के संबंध में अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 1, आंध्र प्रदेश में 17, असम में 3, बिहार में 15, चंडीगढ़ में 1, छत्तीसगढ़ में 7, दिल्ली में 41, गोवा में 5, गुजरात में 10, हरियाणा में 17, Himachal Pradesh में 2, जम्मू-कश्मीर में 12, झारखंड में 5, कर्नाटक में 10, केरल में 11, मध्य प्रदेश में 23, महाराष्ट्र में 44, मणिपुर में 2, मेघालय में 4, मिजोरम में 2, नागालैंड में 2, ओडिशा में 7, पंजाब में 21, राजस्थान में 18, तमिलनाडु में 42, तेलंगाना में 9, त्रिपुरा में 1, उत्तर प्रदेश में 121, उत्तराखंड में 11 और पश्चिम बंगाल में 12 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल शामिल हैं, जिन्हें लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया चल रही है.
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डीकेपी/
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