उदयपुर, 12 सितम्बर (Indias News)। विश्व की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन के दूसरे संस्करण के लिए आधिकारिक मेडल का अनावरण किया। यह मैराथन 21 सितम्बर को उदयपुर के फील्ड क्लब से शुरू होगी। इस बार देश के 27 राज्यों से 7,000 से अधिक धावकों के भाग लेने की उम्मीद है, जो पिछले साल से कहीं अधिक है।
जिंक से बने विशेष मेडल का अनावरण
उदयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा, एबीसीआर के डॉ. मनोज सोनी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में इस विशेष मेडल का अनावरण किया गया। शुद्ध जिंक से बना यह मेडल दृढ़ संकल्प और मजबूती का प्रतीक है। मैराथन की थीम “Run for Zero Hunger” सामाजिक जिम्मेदारी और कुपोषण मुक्त भारत के संकल्प को दर्शाती है।
पुरस्कार राशि और श्रेणियां
इस मैराथन में प्रतिभागियों के लिए 3 लाख रुपये नकद पुरस्कार और अन्य इनाम रखे गए हैं। इसमें 5 किमी, 10 किमी, 21 किमी और Race with Champions जैसी श्रेणियां होंगी। प्रतिभागियों को हिंदुस्तान जिंक द्वारा उत्पादित बेहतरीन जिंक से बने विशिष्ट मेडल दिए जाएंगे। दौड़ का मार्ग उदयपुर की खूबसूरती को दर्शाता है, जिसमें फतेहसागर झील, अरावली पर्वतमाला, महाराणा प्रताप स्मारक, सहेलियों की बाड़ी और नीमच माता मंदिर जैसी जगहें शामिल हैं।
सीईओ अरुण मिश्रा ने कही विशेष बातें
मेडल लॉन्च पर हिंदुस्तान जिंक के सीईओ और मैराथनर अरुण मिश्रा ने कहा, “वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि फिटनेस, समावेशन और सामुदायिक भावना का उत्सव है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य और पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि उदयपुर की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है। साथ ही ग्रामीण कुपोषण के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूती देती है।”
प्रतिभागियों के लिए सुविधाएं
प्रतिभागियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए मार्ग पर हाइड्रेशन स्टेशन, आराम स्थल और मेडिकल स्टेशन की व्यवस्था होगी। गीताजंली अस्पताल मेडिकल पार्टनर रहेगा, जबकि फील्ड क्लब उदयपुर वेन्यू पार्टनर होगा।
बिब एक्सपो और सांस्कृतिक कार्यक्रम
मैराथन से पहले 19 और 20 सितम्बर को बिब एक्सपो आयोजित होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशेष परफॉर्मेंस भी होंगी। यह आयोजन नंदघर की “Run for Zero Hunger” पहल से जुड़ा है, जिसे अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने बढ़ावा दिया है। इसके तहत हजारों बच्चों को पोषण पैकेट दिए जाते हैं, ताकि हर कदम कुपोषण मुक्त समाज की दिशा में बढ़ सके।
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