बीजिंग, 15 अगस्त . चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 15 अगस्त को लांकांग-मेकोंग सहयोग पर विदेश मंत्रियों की दसवीं बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में ऐतिहासिक सवाल के बारे में चीन के रुख की व्याख्या की.
वांग यी ने कहा कि 80 वर्ष पहले आज के दिन जापान ने पराजित होकर पोट्सडाम घोषणा पत्र स्वीकार कर किसी शर्त के बिना आत्मसमर्पण की घोषणा की. तत्कालीन जापानी सैन्यवादियों द्वारा छेड़े गए आक्रमण युद्ध ने चीन समेत एशियाई देशों की जनता को गंभीर आपदा में धकेल दिया और जापानी जनता भी इसका शिकार थी. काहिरा घोषणा और पोट्सडाम घोषणा जैसे सिलसिलेवार अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेजों ने जापान की युद्ध की जिम्मेदारी साफ़ की और जापान से चीन से चुराये गये थाईवान को लौटाने की मांग की.
उन्होंने कहा कि यह विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध विजय का फल है, जिस पर चुनौती देने की इजाज़त नहीं दी जाती है. यह युद्ध के बाद विश्व व्यवस्था का एक अहम अंग भी है. लेकिन आज तक जापान की कुछ शक्तियां आक्रमण युद्ध पर लीपी-पोती कर आक्रमण से इंकार करने और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश करती हैं, यहां तक कि युद्ध अपराधियों के मामले को पलटने की कुचेष्टा करती हैं. यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर, युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, मानव नैतिकता और सभी विजय देशों की जनता को चुनौती देने जैसा है.
वांग यी ने कहा कि सिर्फ इतिहास का सामना करने से ही सम्मान प्राप्त किया जाएगा. सिर्फ इतिहास से सबक लेने से ही भविष्य रचा जाएगा.
सिर्फ अतीत की बात नहीं भूलने से ही फिर भ्रामक रास्ते पर चलने से बच सकता है. हम जापान से सही विकल्प चुनने का अनुरोध करते हैं.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–
एएस/
You may also like
अकेले में बैठा था कपल, पीछे से आए दोˈ लड़के… देखते ही बॉयफ्रेंड तो भाग गया, गर्लफ्रेंड का हो गया गैंगरेप
श्मशान घाट के पास से गुजरते हुए इन खासˈ बातों का जरूर रखे ध्यान अन्यथा हो सकता है अनर्थ
इस वजह से लड़कियां खुद से छोटी उम्र केˈ लड़कों से करना चाहती हैं शादी, होते हैं ये फायदे
रात को ब्रा पहनकर सोना चाहिए या नहीं? 99%ˈ महिलाएं लेती हैं गलत फैसला
Noida के इन 4 बाजारों में मिलता है दिल्ली सेˈ सस्ता सामान एक बार जरूर कर लें ट्राई