बीजापुर, 14 मई . छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है. कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है. इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं.
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है. जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है.
उन्होंने बताया कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है.
इस ऑपरेशन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ‘नक्सल फ्री भारत’ के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (केजीएच) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया.
गृह मंत्री ने कहा कि जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहां आज शान से तिरंगा लहरा रहा है. कुर्रगुट्टालू पहाड़ पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का यूनिफाइड हेडक्वार्टर था, जहां नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे.
उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी इस सबसे बड़े अभियान को हमारे सुरक्षा बलों ने मात्र 21 दिनों में पूरा किया और मुझे अत्यंत हर्ष है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों में एक भी जानहानि नहीं हुई. खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को बधाई देता हूं. पूरे देश को आप पर गर्व है.
शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं. मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है.”
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के सहयोग से अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. कर्रेगुट्टा जैसी दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में इस प्रकार की कार्रवाई सुरक्षा बलों की सतर्कता और साहस का प्रमाण है.
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डीएससी/एबीएम
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