New Delhi, 17 जुलाई . रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग हमें भीतर से ऊर्जा देता है. इसके अभ्यास से न केवल हम शारीरिक रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी शांत और स्थिर रहते हैं. हर एक योगासन शरीर के लिए लाभकारी है, और इनमें से एक है ‘कुक्कुटासन’. ‘कुक्कुट’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘मुर्गा’, और ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ है, यानी इस आसन में शरीर की स्थिति एक मुर्गे जैसी दिखती है, इसलिए इसे ‘कुक्कुटासन’ कहते हैं. यह योगासन दिखने में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसके फायदे अनगिनत हैं. यह न सिर्फ आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है, बल्कि आपके दिल का ख्याल भी रखता है.
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, कुक्कुटासन से बांह, कंधे, कोहनियां, छाती, फेफड़े आदि अंग मजबूत हों, तभी शरीर में संतुलन स्थापित होता है. इस आसन को करने पर पूरा शरीर आपकी हथेलियों और बाजुओं के बल पर टिकता है. इससे कंधों, बाइसेप्स और ट्राइसेप्स पर खिंचाव आता है. इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की ताकत भी बढ़ती है.
यह सांसों में गहराई और ताजगी लाता है. कुक्कुटासन के दौरान जब आप शरीर को ऊपर उठाते हैं, तो गहरी सांसें लेना जरूरी होता है. इससे आपके फेफड़े ज्यादा काम करते हैं और उनमें ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है. गहरी सांसें लेने से दिमाग शांत होता है और शरीर में ताजगी भर जाती है, जो थकान को दूर करती है.
कुक्कुटासन पाचन को भी दुरुस्त करता है. इस आसन को करते समय जब पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, तो इससे पेट के अंग ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. इससे पाचन रस और एंजाइम्स का उत्पादन बढ़ता है, जो भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करते हैं. गैस, कब्ज या अपच जैसी आम समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं. नियमित अभ्यास से पेट और हिप्स की चर्बी भी घटती है.
यह आसन आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है. जब आप खुद को हथेलियों के बल ऊपर उठाते हैं, तो शरीर में गर्मी और ऊर्जा का संचार होता है. यह पूरी तरह से आपको जागरूक बनाता है और दिमाग को सतर्क करता है, जिससे ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है.
कुक्कुटासन करने के लिए सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठें. इसके बाद अपने दाएं हाथ को धीरे-धीरे दाईं जांघ और पिंडली के बीच से निकालें और फिर यही प्रक्रिया बाएं हाथ के साथ दोहराएं. दोनों हथेलियों को मजबूती से जमीन पर टिका दें और ध्यान रखें कि हथेलियों के बीच लगभग 3 से 4 इंच का फासला हो. अब गहरी सांस भरते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं. इस दौरान आपकी गर्दन सीधी और आंखें सामने की ओर केंद्रित होनी चाहिए. इस मुद्रा में 15 से 20 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाकर पद्मासन की स्थिति में वापस आ जाएं.
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पीके/केआर
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