New Delhi, 6 सितंबर . मेजर धन सिंह थापा भारतीय सेना के उन वीर सपूतों में से एक हैं, जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने अद्वितीय साहस और नेतृत्व से देश का मान बढ़ाया.
10 अप्रैल 1928 को Himachal Pradesh के शिमला में एक नेपाली परिवार में जन्मे मेजर थापा को 1/8 गोरखा राइफल्स में अपनी असाधारण वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परमवीर चक्र, प्रदान किया गया.
उनकी गाथा आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है. साल 1962 का भारत-चीन युद्ध भारतीय सेना के लिए एक कठिन दौर था. सीमित संसाधनों और हथियारों की कमी के बावजूद मेजर थापा ने लद्दाख के पांगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित सिरिजाप-1 चौकी की कमान संभाली. यह चौकी चुशूल हवाई अड्डे की रक्षा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थी.
20 अक्टूबर 1962 को चीनी सेना ने भारी तोपखाने और गोला-बारूद के साथ सिरिजाप-1 पर हमला शुरू किया. ढाई घंटे की तेज बमबारी ने चौकी को क्षतिग्रस्त कर दिया और वायरलेस संचार प्रणाली को नष्ट कर दिया. इसके बावजूद, मेजर थापा ने अपने सैनिकों का हौसला बनाए रखा और पहले हमले को विफल कर दिया, जिसमें चीनी सेना को भारी नुकसान हुआ.
चीनी सेना ने दूसरा और तीसरा हमला टैंकों और भारी हथियारों के साथ किया. मेजर थापा और उनकी छोटी सी टुकड़ी ने हर बार डटकर मुकाबला किया. गोला-बारूद खत्म होने के बावजूद उन्होंने खंदक से बाहर निकलकर हाथापाई में कई दुश्मनों को मार गिराया. हालांकि, भारी संख्या बल के सामने चौकी पर कब्जा हो गया और मेजर थापा को युद्धबंदी बना लिया गया. उनकी इस असाधारण वीरता के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.
शुरू में उनकी मृत्यु की खबर फैली, जिसके कारण यह सम्मान मरणोपरांत माना गया, लेकिन मई 1963 में उनकी रिहाई के बाद यह स्पष्ट हुआ कि वे जीवित हैं.
युद्धबंदी से रिहा होने के बाद मेजर थापा ने अपनी सैन्य सेवा जारी रखी और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंचे. 1980 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने सहारा एयरलाइंस में कार्य किया. 6 सितंबर 2005 को पुणे में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी वीरता की कहानी भारतीय सेना के इतिहास में अमर है. उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा सैनिक वह है, जो सबसे विपरीत परिस्थितियों में भी देश के लिए अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखता है.
–
एकेएस/डीएससी
You may also like
Govt Job Alert 2025: सरकारी कंपनी में निकली मैनेजमेंट असिस्टेंट की वैकेंसी, मंथली सैलरी 1.20 लाख तक, यहां भेजें फॉर्म
भाजपा ने सहयोगियों को घुटनों पर लाया, जदयू को किया कमजोर: मृत्युंजय तिवारी
उत्तराखंड में युवा आपदा मित्र योजना का शुरू, आपदा के समय निभाएंगे अहम भूमिका
पुलिस मुठभेड़ में दो लुटेरे गिरफ्तार,एक घायल
पोस्ट ऑफिस FD को समय से पहले तुड़वाने पर क्या ब्याज का लाभ मिलेगा? जानें क्या हैं नियम