काबुल, 18 अगस्त . क्षेत्रीय दबाव के बीच ईरान ने घोषणा की है कि वह करीब 20 लाख अवैध अफगान प्रवासियों को देश से वापस भेजने की तैयारी कर रहा है. ईरान ने आश्वासन दिया है कि यह प्रक्रिया कानूनी तरीके से पूरी की जाएगी.
ईरान के गृहमंत्री इस्कंदर मोमेनी ने Monday को मशहद में पत्रकारों से कहा कि एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसके तहत बिना किसी वैध दस्तावेज के ईरान आए अफगानों को पहले चरण में उनके वतन भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में छह मिलियन से अधिक अफगान नागरिक ईरान में रह रहे हैं और इतनी बड़ी आबादी को संभालने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है.
गृहमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को “प्रवासी विरोधी” नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि हर देश के अपने कानून और नियम होते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया की निगरानी नेशनल माइग्रेशन ऑर्गनाइजेशन करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सभी को अफगानिस्तान वापस भेजने की प्रक्रिया कानूनी और सम्मानजनक तरीके से पूरी हो.
मोमेनी ने बताया कि अधिकांश अफगानों की वापसी खोरासान रजवी सीमा से होगी, जो लंबे समय से दोनों देशों के बीच प्रमुख बिंदु रहा है. यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान भी सितंबर से अफगान प्रवासियों की वापसी की मुहिम शुरू करने की तैयारी कर रहा है.
मानवीय संगठनों ने ईरान और पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर हो रही वापसी पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि अफगानिस्तान लौटने वाले लोगों को गरीबी, बेरोजगारी और तालिबान शासन के तहत पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने 17 अगस्त को चेतावनी दी कि पाकिस्तान और ईरान से अब तक 22 लाख से अधिक अफगानों की वापसी हो चुकी है और इसकी वजह से उसके पास फंड तेजी से खत्म हो रहे हैं. एजेंसी ने कहा कि अफगानिस्तान में गरीबी और बेरोजगारी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है और आधी से अधिक आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है.
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डीएससी/
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