चेन्नई, 13 अक्टूबर . Madhya Pradesh में बच्चों की मौत से जुड़े विवाद “कोल्ड्रिफ कफ सिरप” मामले में तमिलनाडु Government ने निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया है. इसके साथ ही कंपनी को पूरी तरह से बंद करने का आदेश जारी किया गया है. यह निर्णय कंपनी के सिरप में जानलेवा रसायन ‘डाइएथिलीन ग्लाइकॉल’ की 48.6 प्रतिशत जैसी घातक मात्रा पाए जाने के बाद लिया गया है.
मामले की शुरुआत 1 अक्टूबर को हुई, जब Madhya Pradesh के औषधि नियंत्रण विभाग ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष को सूचित किया कि छिंदवाड़ा जिले में 4 सितंबर से हो रही बच्चों की मौतों का संबंध श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित ‘कोल्ड्रिफ सिरप’ से हो सकता है. सूचना मिलते ही तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग ने अभूतपूर्व तेजी दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी.
इसके बाद 1 अक्टूबर को शाम 4:00 बजे सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर, एक वरिष्ठ औषधि निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम ने कंपनी परिसर का निरीक्षण शुरू कर दिया. इसके बाद जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पूरे तमिलनाडु में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया.
प्रयोगशाला की रिपोर्ट ने 2 अक्टूबर को सभी आशंकाओं को सही साबित कर दिया. रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6 प्रतिशत की अत्यधिक विषैली और जानलेवा मात्रा में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की उपस्थिति की पुष्टि हुई. उसके बाद घातक रसायन की पुष्टि होते ही 3 अक्टूबर को विभाग ने “उत्पादन रोकने का आदेश” जारी किया और कंपनी को तत्काल सील कर दिया. कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया कि क्यों न उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.
जांच में यह भी पता चला कि यह जहरीला सिरप Odisha और पुडुचेरी में भी वितरित किया गया था. यह जानकारी तुरंत इन राज्यों के औषधि नियंत्रण अधिकारियों के साथ साझा की गई.
मामले की गंभीरता को देखते हुए, कंपनी के फरार मालिक श्री रंगनाथन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई. तमिलनाडु Police की मदद से Madhya Pradesh की विशेष जांच दल ने 9 अक्टूबर की सुबह मालिक को चेन्नई के अशोक नगर से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले में कर्तव्य में लापरवाही बरतने का भी खुलासा हुआ है. पिछले वर्ष कंपनी का उचित निरीक्षण न करने के कारण कांचीपुरम के दो वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
इस घटना से सबक लेते हुए, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने तमिलनाडु की सभी दवा निर्माण इकाइयों में व्यापक और औचक निरीक्षण करने के आदेश जारी किए हैं. वर्तमान में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके.
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और कंपनी को बंद कर दिया गया है. यह कार्रवाई उनके कफ सिरप, कोल्ड्रिफ में विषैले संदूषकों, विशेष रूप से डायथिलीन ग्लाइकॉल का पता चलने के बाद की गई है.
इस बयान में कहा गया, “तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के कारखाने का निरीक्षण किया, राज्य भर में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया और नमूने विश्लेषण के लिए भेजे. विश्लेषण में 48.6 प्रतिशत डीआजी सांद्रता पाई गई, जिसके बाद विभाग ने उत्पादन बंद करने का आदेश जारी किया और कंपनी के लाइसेंस रद्द करने की कार्यवाही शुरू की.
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एसएके/डीएससी
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