लखनऊ, 23 मई . ग्वालियर हाईकोर्ट में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर चल रहे विवाद में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती भी कूद गई हैं. उन्होंने न्यायालय, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से सम्मानपूर्वक मूर्ति स्थापित कराने की मांग उठाई है.
बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट खंडपीठ ग्वालियर में अधिवक्ताओं की मांग व उन्हीं के आर्थिक सहयोग से बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की अनुमति माननीय कोर्ट द्वारा दी गई तथा कोर्ट के निर्देशन में ही स्थान का चयन एवं चबूतरा बनाया गया और मूर्ति भी बनकर तैयार हुई.
उन्होंने आगे कहा कि किंतु कुछ जातिवादी सोच से ग्रसित अधिवक्ताओं द्वारा मूर्ति स्थापना का विरोध किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर भड़काऊ वक्तव्यों के बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं की गई. बाबासाहेब के विरोधियों को यह समझना होगा कि सदियों से उपेक्षित बहुजन समाज अब अपना सम्मान पाना चाहता है.
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल, उच्च न्यायालय तथा माननीय मुख्यमंत्री भी मूर्ति लगाने में आ रही बाधाओं को दूर करके, तत्काल उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में संविधान निर्माता, भारतरत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को सम्मानपूर्वक स्थापित कराएं, यह अनुरोध.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हैं. बार एसोसिएशन का एक पक्ष प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहा है, जबकि कई अधिवक्ता इसके पक्ष में हैं. इसे लेकर माहौल गरमाया है. इसके पक्ष में कई और संगठन भी उतरे हैं. इस विवाद में भीम सेना भी कूद पड़ी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने से रोकना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह संविधान निर्माता और एससी समाज का अपमान है.
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विकेटी/एएस
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