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एकलव्य स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण करेंगे : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

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अगरतला, 9 अक्टूबर . त्रिपुरा के Chief Minister माणिक साहा ने Thursday को घोषणा की कि आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और स्वदेशी लोगों की संस्कृति और भाषाओं को संरक्षित करने के लिए छह और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूरा हो जाएगा.

पश्चिमी त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले के जम्पुइजाला में 480 सीटों वाले एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय का उद्घाटन करने के बाद Chief Minister ने कहा कि ईएमआरएस केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है.

उन्होंने कहा कि 2014 में Narendra Modi के Prime Minister बनने के बाद India में सभी ने ईएमआरएस का अनुभव किया. Prime Minister ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास प्रदान करने के लिए इन विद्यालयों का भौतिक और आभासी उद्घाटन किया है.

शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे साहा ने कहा कि त्रिपुरा में 21 ईएमआरएस स्वीकृत किए गए हैं और अब तक कुल 12 ऐसे संस्थान काम करना शुरू कर चुके हैं. मार्च 2026 तक, एमपी, हेज़ामारा, अमरपुर, चावमानु, मंडवई और मनु में छह और ईएमआरएस का निर्माण किया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, “21 ईएमआरएस का निर्माण पूरा होने के बाद, 10,000 से ज़्यादा छात्र इन संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे. हमने छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति भी बढ़ा दी है.”

जम्पुइजाला में इस नव-उद्घाटित स्कूल में 60 छात्रों ने प्रवेश लिया है और लगभग 480 छात्र जल्द ही प्रवेश लेंगे.

Chief Minister ने कहा कि ईएमआरएस का मुख्य उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के जनजाति बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. Prime Minister हमेशा कहते हैं कि हमें समाज के अंतिम छोर तक उचित शिक्षा और सभी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “नीति आयोग से त्रिपुरा को अग्रणी राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ है. हमारा राज्य देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य है. हम शिक्षा के विकास के लिए काम कर रहे हैं और सभी मानदंडों के आधार पर हमारे राज्य को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है.”

एमएस/एबीएम

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