इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब एक और नया मोड़ सामने आया है। इस सनसनीखेज केस में लोकेंद्र सिंह तोमर नाम का नया किरदार सामने आया है, जिसकी एंट्री ने जांच को और गहरा बना दिया है। लोकेंद्र पर आरोप है कि उसने सोनम के काले बैग को जलाने के लिए प्रॉपर्टी कारोबारी शिलोम जेम्स को उकसाया था। यह बैग तो जला दिया गया, लेकिन उसमें रखे 5 लाख रुपए और एक पिस्टल का अब तक कुछ अता-पता नहीं है।
पुलिस को संदेह है कि राजा और सोनम के मोबाइल से जुड़े कई राज़ लोकेंद्र की जानकारी में हैं। इसी शक के आधार पर ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने उसे कल दोपहर हिरासत में ले लिया। मामले की जड़ें जितनी गहरी हैं, पुलिस उतनी ही बारीकी से हर कड़ी जोड़ने की कोशिश में जुटी है।
शिलॉन्ग से लेकर इंदौर तक पुलिस की सक्रियता
सोमवार को हुई गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को शिलॉन्ग और इंदौर पुलिस की टीमें ग्वालियर पहुंच गईं। आरोपी लोकेंद्र को मोहना थाने से जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां मेडिकल जांच के बाद उसे JMFC जज अर्पिता त्रिपाठी की कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट ने लोकेंद्र को शिलॉन्ग पुलिस को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया। अब दोबारा मेडिकल जांच के बाद उसे इंदौर ले जाया जाएगा।
मीडिया से बोले लोकेंद्र: “प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा, सच सामने आएगा”
मेडिकल टेस्ट के दौरान लोकेंद्र तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “इंदौर में मेरी बिल्डिंग है, जिसे किराए पर दिया हुआ था। मुझ पर जो आरोप लगे हैं, उसका जवाब प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूंगा। सोनम को न मैं जानता हूं, न कभी मिला हूं, न ही उसकी शक्ल देखी है।”
उसने आगे कहा, “मुझे बैग के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। सिलोम से मेरी बातचीत होती थी, लेकिन बाकी बातें मैं साफ-साफ बताऊंगा। आप सबका स्वागत है, मैं जल्द ही सबका जवाब दूंगा।”
बैग, कैश और हथियारों की बरामदगी बाकी
ग्वालियर पुलिस अधिकारियों का मानना है कि लोकेंद्र की भूमिका इस केस में कहीं न कहीं संदिग्ध है। शिलॉन्ग पुलिस ने कोर्ट में बताया कि राजा रघुवंशी केस के अन्य आरोपियों की बातचीत लोकेंद्र की लोकेशन से हो रही थी। बैग, पिस्टल और 5 लाख रुपए की बरामदगी अब भी बाकी है, जिसकी जानकारी सिर्फ लोकेंद्र ही दे सकता है। सोनम रघुवंशी द्वारा कथित रूप से इंदौर स्थित फ्लैट में यह सामान रखा गया था, लेकिन अब वह कहां है, ये बड़ा सवाल है।
लोकेंद्र—एक बिल्डर, जो अब जांच के घेरे में
लोकेंद्र मूल रूप से ग्वालियर का रहने वाला एक बिल्डर है। पिछले कुछ वर्षों में उसने अपना पूरा व्यवसाय इंदौर शिफ्ट कर लिया था। जिस देवास नाका स्थित बिल्डिंग में सोनम ठहरी थी, वह लोकेंद्र की बताई जा रही है, जिसे उसने शिलोम जेम्स को किराए पर दिया था।
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