महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज़ है। ठाकरे ब्रदर्स के बीच सुलह की अटकलों के बीच शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे का एक बड़ा और तीखा बयान सामने आया है। गुरुवार (19 जून) को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने साफ कहा कि आगामी नगर निगम चुनावों से पहले बीजेपी उनकी पार्टी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच संभावित गठबंधन को नाकाम करने की भरपूर कोशिश कर रही है।
यह बयान उस समय आया है जब बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित अविभाजित शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस पर पार्टी समर्थकों का भारी जमावड़ा देखने को मिला। उद्धव ठाकरे ने मंच से खुली चेतावनी देते हुए कहा, "अगर बीजेपी ने ‘ठाकरे ब्रांड’ को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।" उनके शब्दों में पुराना जोश और आत्मविश्वास झलक रहा था, जैसे वे फिर से एक नई लड़ाई के लिए तैयार हैं।
राज ठाकरे और फडणवीस की मुलाकात को लेकर जताई गहरी नाराजगी
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने एक और बड़ी बात पर ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि मराठी दलों को एक साथ आने से रोकने के लिए होटल्स और निजी स्थानों पर बैठकों का दौर चल रहा है। वह इशारा कर रहे थे राज ठाकरे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की हालिया ‘फाइव स्टार होटल’ में हुई मुलाकात की ओर। उद्धव का मानना है कि इस तरह की बैठकें मराठी राजनीतिक ताकत को तोड़ने की साजिश का हिस्सा हैं।
उद्धव की हुंकार: "जब लेने आओ, तो एंबुलेंस लेकर आना"
अपने भाषण में उद्धव ठाकरे ने नाना पाटेकर की फिल्म 'प्रहार' का मशहूर डायलॉग दोहराते हुए माहौल को जोशीला बना दिया। उन्होंने कहा, "लोग जो चाहते हैं, वही होगा। हम देखेंगे कि इसे कैसे किया जाता है।" आगे उन्होंने तीखे तेवर में कहा, "अगर बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना मराठी पार्टियों को एकजुट नहीं देखना चाहती, तो हम भी तय कर चुके हैं कि अगर ‘ठाकरे ब्रांड’ को मिटाने की साजिश रची गई, तो हम बीजेपी को मिटा देंगे। मैं पूरी तरह तैयार हूं। और हां, जब मुझे लेने आओ, तो अपने लिए एंबुलेंस लेकर आना।" उनके इस बयान पर भीड़ ने जमकर तालियां बजाईं।
हिंदी थोपने की कोशिश पर दो टूक
निकाय चुनावों के मद्देनज़र राजनीतिक समीकरण बनते-बिगड़ते दिख रहे हैं। इस संदर्भ में ठाकरे ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य में किसी भी कीमत पर हिंदी थोपी नहीं जाएगी। उन्होंने दोहराया कि महाराष्ट्र की अस्मिता से कोई समझौता नहीं होगा और मुंबई निकाय पर उनकी पार्टी का दबदबा बरकरार रहेगा।
बीजेपी पर तीखा वार: "कोई विरासत नहीं, अदाणी को सौंप दी मुंबई"
उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में यह भी कहा कि बीजेपी की खुद की कोई वैचारिक या ऐतिहासिक विरासत नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "उन्हें सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति बनवानी पड़ी, जिनकी सोच RSS से बिल्कुल अलग थी और जिन्होंने संघ पर प्रतिबंध लगाया था।"
उन्होंने धारावी पुनर्विकास परियोजना के बहाने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह परियोजना असल में मुंबई को अदाणी समूह को ‘मुफ्त’ में देने जैसा है। एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना की रैली को उन्होंने तीखे शब्दों में ‘चोरों का जमावड़ा’ करार दिया।
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