आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पीएम मोदी को केवल देश का प्रधानमंत्री न मानते हुए कहा कि "मोदी जी सेल्समैन हैं, भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं।" उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाए, तो मोदी जी उसके नाम पर भी वोट मांग सकते हैं। संजय सिंह ने मोदी को "निर्मम इंसान" करार देते हुए उनकी राजनीतिक शैली पर सवाल खड़े किए।
'वो सिंदूर के सौदागर हैं, वो सिंदूर के सेल्समैन हैं'
पीएम मोदी के एक हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय सिंह ने कहा, “नरेंद्र मोदी मौत, हत्या और आतंकवाद के नाम पर वोट लेना जानते हैं। जवानों की मौत के नाम पर भी राजनीति की जाती है। आज उन्होंने सिद्ध कर दिया कि वो सिंदूर के सौदागर और सेल्समैन हैं। एक ओर 'ऑपरेशन सिंदूर' चल रहा है, तो दूसरी ओर वे आतंकवादी अब भी खुले घूम रहे हैं जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा।”
उन्होंने आगे कहा, "भारत के प्रधानमंत्री कैसे कह सकते हैं कि हमारी रगों में गर्म सिंदूर दौड़ रहा है? क्या उन आतंकवादियों को सजा दी गई है? क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है? हमारी बहनों का सिंदूर मिटा और आप उस पर प्रचार कर रहे हैं।"
पीएम मोदी के बयान पर उठा विवाद
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मई को राजस्थान के बीकानेर में आयोजित एक रैली में कहा था, “अब मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर दौड़ रहा है।” उनके इस बयान को लेकर संजय सिंह ने उन्हें घेर लिया और इसे एक प्रकार की राजनीतिक मार्केटिंग करार दिया।
वक्फ कानून को बताया 'गैरसंवैधानिक'
वक्फ संपत्ति से जुड़े कानून पर भी संजय सिंह ने मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह वक्फ बिल पूरी तरह से गैरसंवैधानिक है। पीएम और उनकी पार्टी का असली एजेंडा देश में नफरत फैलाना और ज़मीनों को कब्ज़ा कर अपने करीबी दोस्तों को सौंपना है।”
उन्होंने बताया कि वे वक्फ बिल की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का हिस्सा रहे हैं, और संविधान के अनुच्छेद 25 से 29 के तहत सभी धर्मों को पूजा-पद्धति और इबादत की स्वतंत्रता दी गई है। इस अधिकार में किसी प्रकार की दखलअंदाजी संविधान के खिलाफ है।
'सुप्रीम कोर्ट से आएगा न्यायपूर्ण फैसला'
संजय सिंह ने भरोसा जताया कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में न्याय करेगा। उन्होंने कहा, “धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन उसी धर्म के लोग करेंगे, ये संविधान में स्पष्ट है। फिर सरकार इसमें दखल क्यों देना चाहती है? मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट से एक मजबूत और न्यायपूर्ण फैसला आएगा, जो संविधान की रक्षा करेगा।”
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