बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात राज्य के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां खेमका बांकीपुर क्लब से लौटकर घर पहुंचे ही थे कि हमलावरों ने अचानक उनकी गाड़ी पर फायरिंग कर दी। गोली लगते ही खेमका गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत मेडिवर्सल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस सनसनीखेज हत्या का CCTV फुटेज भी सामने आ चुका है, जिसमें हमलावरों की गतिविधि साफ देखी जा सकती है। वारदात के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए। पूरे पटना में इस घटना के बाद आक्रोश और दहशत का माहौल है, खासकर व्यवसायिक समुदाय में।
बेटे की भी हो चुकी थी हत्या, अब पिता की जान ली गई
यह हत्या केवल एक व्यक्तिगत वारदात नहीं, बल्कि एक परिवार की लगातार दूसरी बड़ी त्रासदी है। 20 दिसंबर 2018 को गोपाल खेमका के बेटे की भी हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब लगभग छह साल बाद उसी परिवार के मुखिया को भी इसी तरह निशाना बनाया गया है, जिससे एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
तेजस्वी यादव का सरकार पर तीखा प्रहार
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,
"थाने से कुछ ही कदमों की दूरी पर राज्य के बड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। हर महीने बिहार में सैकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है, फिर भी जंगलराज नहीं कह सकते? इसे मीडिया प्रबंधन, छवि प्रबंधन कहते हैं।"
तेजस्वी ने इस घटना के बहाने बिहार की गिरती कानून व्यवस्था और राज्य सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।
बिहार पुलिस की प्रतिक्रिया और SIT का गठन
हत्या के बाद पुलिस महकमा हरकत में आया है। डीजीपी विनय कुमार ने जानकारी दी है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है। इसकी अगुवाई एसपी सिटी सेंट्रल करेंगे। पुलिस अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी को लेकर तकनीकी साक्ष्यों और CCTV फुटेज के आधार पर जांच तेज कर रही है।
कौन थे गोपाल खेमका?
गोपाल खेमका पटना के प्रसिद्ध व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका व्यवसाय स्वास्थ्य सेवा, पेट्रोल पंप संचालन, और हाजीपुर में कॉटन फैक्ट्री तक फैला हुआ था। वे बांकीपुर क्लब के पूर्व सचिव और रोटरी क्लब के वरिष्ठ सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा, वह मगध अस्पताल के मालिक भी थे। उनके व्यवसाय के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहने के कारण उन्हें बिहार के उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में एक प्रमुख चेहरा माना जाता था।
हत्या से बिहार की कानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
पटना जैसे हाई-सिक्योरिटी शहर में एक उद्योगपति की हत्या, वह भी उसके घर के बाहर और थाने के करीब, यह घटना बिहार में सुरक्षा की स्थिति पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि राज्य के व्यापारिक और सामाजिक ताने-बाने पर हमला है। अब देखना यह होगा कि SIT की जांच किस दिशा में जाती है और क्या इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड के पीछे के साजिशकर्ताओं तक पुलिस पहुंच पाती है या नहीं।
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