लाइव हिंदी खबर :- रण संवाद कार्यक्रम के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारकेश ने अपनी जीवन यात्रा और उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में वे सेना में अधिकारी बने थे। कुछ वर्षों बाद एक ड्यूटी के दौरान उन्हें चोट लगी, लेकिन इस कठिनाई ने उनके हौसले को कमजोर नहीं किया।
द्वारकेश ने कहा कि 2023 में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण शुरू किया और निशानेबाजी में खुद को आजमाने का फैसला किया। मात्र दो साल के भीतर ही उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रोन कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतकर देशभर में अपनी पहचान बनाई।
उन्होंने गर्व से बताया कि हालिया ट्रायल्स और प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरी भारतीय सेना के लिए भी गौरव का विषय है।
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और युवाओं ने लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारकेश की कहानी से प्रेरणा ली। उनका संदेश स्पष्ट था— मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों, दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
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