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'मम्मा, तुम समझाओ न पापा को, मैं उनसे दूर नहीं जाना चाहता, उनके संग खेलना चाहता हूं, लेकिन क्या करूं अब…'

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कहते हैं कि बच्चों का मन बेहद नाज़ुक होता है। छोटी-सी बात भी उनके दिल और दिमाग पर गहरा असर छोड़ सकती है। यही वजह है कि हमेशा कहा जाता है क‍ि सिर्फ माता-पिता ही नहीं, बल्कि हर किसी को बच्चों के सामने संभलकर और सलीके से पेश आना चाहिए। क्योंकि जरा सी चूक उनकी इमोशनल हेल्थ को गहरी चोट पहुंचा सकती है।

इसी मुद्दे को समझाते हुए एनएलपी प्रैक्टिशनर पुष्‍पा शर्मा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक कहानी शेयर की है। इसमें उन्होंने एक 12 साल के लड़के का जि‍क्र किया है, जिसे उसके पिता के एक व्यवहार ने अंदर तक तोड़ दिया। आखिर पापा ने ऐसा क्या किया और उस बच्चे पर इसका क्या असर हुआ चल‍िए सब कुछ जानते हैं विस्तार से।

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खुद स्‍कूल के ल‍िए तैयार हो गया बच्‍चा image

इंस्टाग्राम पर शेयर की गई एक पोस्ट में पुष्‍पा ने 12 साल के एक लड़के की कहानी बताई। वह लिखती हैं कि उस दिन बच्चे को स्कूल के लिए सुबह जगाने की कोई जरूरत नहीं पड़ी। वह खुद ही उठ गया, तैयार हुआ। मम्‍मी से ट‍िफ‍िन के ल‍िए ज‍िद भी नहीं की, जो म‍िला ल‍िया और लेकर स्‍कूल चला गया।


बस दूसरे बच्‍चों के हाथ और गाल देखता रहा image

पुष्‍पा आगे बताती हैं कि जब वह लड़का घर से निकलकर बस स्टॉप तक पहुंचा, तो रास्ते में उसे अपने जैसे कई और बच्चे दिखाई दिए। वह बार-बार उनके गाल और हाथों को देख रहा था। उसके मन में सिर्फ एक ही सवाल घूम रहा था क‍ि ‘क्या इनके पापा भी इन्हें मारते होंगे?’


डर लगता है कहीं फ‍िर न थप्पड़ पड़ जाए image

पुष्‍पा शर्मा कहती हैं कि अब वह 12 साल का लड़का अपने ही पापा से डरने लगा है। पापा सामने आते ही उसके मन में सबसे पहला ख्‍याल यही आता है क‍ि ‘कहीं फिर से थप्पड़ न पड़ जाए।’ अब वह उनकी मौजूदगी में मम्मा से भी कोई ज‍िद भी नहीं करता। बाहर से देखकर लगता है जैसे वह अचानक बड़ा हो गया हो, मगर सच्चाई यह है कि वह अभी बड़ा बनना ही नहीं चाहता।


अब मैं बहुत डर गया हूं पापा से image

एक्‍सपर्ट कहती हैं क‍ि मम्मा, आप पापा को समझाओ न… ‘मैं उनसे दूर नहीं जाना चाहता। मैं उनके साथ खेलना चाहता हूं, बातें करना चाहता हूं, कहानियां सुनना चाहता हूं। लेकिन अब क्या करूं… मैं उनसे बहुत डर गया हूं।’




यहां देख‍िए पूरा वीड‍ियो


पैरेंट्स का गुस्‍सा बच्‍चों की पर्सनैल‍िटी को करता है प्रभाव‍ित image

एनएलपी प्रैक्ट‍िशनर अपनी पोस्ट के अंत में लिखती हैं कि 12 साल जैसे छोटे बच्चे जरा-सी बात पर भी बहुत दुखी हो जाते हैं। ऐसे में माता-पिता का गुस्सा या फ‍िर मार-पीट उनके दिल और दिमाग पर गहरी चोट छोड़ सकती है, जो उनकी पूरी पर्सनैलिटी को प्रभावित करती है। इसलिए पैरेंट्स ऐसी गलती ब‍िल्‍कुल न करें।

ड‍ि‍स्‍केलमर: इस लेख में दी गई सूचना पूरी तरह इंस्‍टाग्राम रील पर आधार‍ित है। एनबीटी इसकी सत्‍यता और सटीकता की ज‍िम्‍मेदारी नहीं लेता है।

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