सीतामढ़ी: बिहार में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर की लापरवाही के कई मामले सामने आते रहे हैं। अब डॉक्टर की लापरवाही का मामला सीतामढ़ी सदर अस्पताल से सामने आया है। यहां के डॉ अशोक कुमार सिंह को स्वास्थ्य विभाग को फर्जी रिपोर्ट भेजने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय, विभाग का कार्यालय पटना निर्धारित किया गया है। डॉ अशोक कुमार सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलेगी। विभाग के अवर सचिव के स्तर से निलंबन का पत्र निर्गत किया गया है। इस तरह की कार्रवाई की जद में अन्य डॉक्टर भी आने वाले है।
पोर्टल पर अपलोड किया था फर्जी डाटामुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत आमजनों को भाव्या पोर्टल के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इस पोर्टल की निगराीन होती है। इसी निगरानी के दौरान पाया गया कि सदर अस्पताल, सीतामढ़ी के चिकित्सक डॉ अशोक सिंह की 24 जून को रोस्टर के अनुसार 3:00 बजे से 5:00 बजे अपराहन तक ड्यूटी थी, लेकिन वे नदारद थे। फिर भी पोर्टल पर उनकी आईडी में 129 मरीजों को देखने का डाटा अपलोड किया गया है।
लापरवाही की हद पार, कमजोरी की शिकायत पर रेबीज वैक्सीन की सलाह
विभाग ने यह भी पाया है कि 24 जून को एक मरीज को 'कमजोरी' की शिकायत थी। उक्त मरीज को डॉ अशोक कुमार सिंह ने जो चिकित्सीय परामर्श सलाह दी थी, वह भाव्या पोर्टल पर अपलोड की गई। मरीज को 'कमजोरी' ठीक करने वाली दवा देनी चाहिए थी, लेकिन उसके बजाय मरीज को रेबीज वैक्सीन देने का पर्चा अपलोड किया था। इस लापरवाही को विभाग ने पूरी गंभीरता से लिया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में नहीं आए थे डॉक्टर अशोक कुमार सिंह
पत्र के अनुसार, 26 जून को विभाग के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाव्या पोर्टल पर अपलोड डाटा की समीक्षा की थी। सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार ने इसमें मौजूद रहने के लिए डॉ अशोक कुमार सिंह को पहले ही निर्देश दे दिए थे, लेकिन वे अनुपस्थित रहे थे। इसे विभाग ने वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना करार दिया है।
गौरतलब है कि भव्या पोर्टल पर फर्जी डाटा अपलोड करने के मामले में डॉ अशोक कुमार सिंह के आलावा अन्य पांच चिकित्सक भी शामिल हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
पोर्टल पर अपलोड किया था फर्जी डाटामुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत आमजनों को भाव्या पोर्टल के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग में स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इस पोर्टल की निगराीन होती है। इसी निगरानी के दौरान पाया गया कि सदर अस्पताल, सीतामढ़ी के चिकित्सक डॉ अशोक सिंह की 24 जून को रोस्टर के अनुसार 3:00 बजे से 5:00 बजे अपराहन तक ड्यूटी थी, लेकिन वे नदारद थे। फिर भी पोर्टल पर उनकी आईडी में 129 मरीजों को देखने का डाटा अपलोड किया गया है।
लापरवाही की हद पार, कमजोरी की शिकायत पर रेबीज वैक्सीन की सलाह
विभाग ने यह भी पाया है कि 24 जून को एक मरीज को 'कमजोरी' की शिकायत थी। उक्त मरीज को डॉ अशोक कुमार सिंह ने जो चिकित्सीय परामर्श सलाह दी थी, वह भाव्या पोर्टल पर अपलोड की गई। मरीज को 'कमजोरी' ठीक करने वाली दवा देनी चाहिए थी, लेकिन उसके बजाय मरीज को रेबीज वैक्सीन देने का पर्चा अपलोड किया था। इस लापरवाही को विभाग ने पूरी गंभीरता से लिया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में नहीं आए थे डॉक्टर अशोक कुमार सिंह
पत्र के अनुसार, 26 जून को विभाग के मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाव्या पोर्टल पर अपलोड डाटा की समीक्षा की थी। सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार ने इसमें मौजूद रहने के लिए डॉ अशोक कुमार सिंह को पहले ही निर्देश दे दिए थे, लेकिन वे अनुपस्थित रहे थे। इसे विभाग ने वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना करार दिया है।
गौरतलब है कि भव्या पोर्टल पर फर्जी डाटा अपलोड करने के मामले में डॉ अशोक कुमार सिंह के आलावा अन्य पांच चिकित्सक भी शामिल हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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