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ब्लाउज से पहले साड़ी के साथ क्या पहनती थीं महिलाएं? रवींद्रनाथ टैगोर की भाभी से भी जुड़ी है सालों पुरानी कहानी

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कभी सोचा है कि आपकी अलमारी में मौजूद कपड़ों का इतिहास क्या है? अब आप साड़ी के साथ पहने जाने वाले ब्लाउज का ही उदाहरण ले लीजिए। जिसे आज पूरी दुनिया में पहना जाता है। डीप, वी, राउंड और स्वीटहार्ट डिजाइन वाले ब्लाउज अब आम हो गए हैं। लेकिन एक समय पर साड़ी तो थी। पर ब्लाउज के बारे में महिलाओं को पता तक नहीं था।


तभी अगर आप कई सालों पुरानी मूर्तियां देखेंगे, तो उनमें आपको महिलाओं के शरीर पर साड़ी तो दिखेगी। लेकिन ब्लाउज नजर नहीं आएगा। क्या ऐसा सिर्फ मूर्तियों तक ही सीमित है या महिलाएं भी सालों पहले ब्लाउज नहीं पहना करती थी? जानिए इन सारे सवालों का जवाब और समझिए कैसे रवींद्रनाथ टैगोर की भाभी का नाम ब्लाउज के इतिहास से जुड़ा है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@janhvikapoor)

क्या महिलाएं पहले ब्लाउज नहीं पहनती थीं? image

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल में विक्टोरियन युग में कुछ महिलाएं अपनी साड़ियों के नीचे ब्लाउज नहीं पहना करती थी। लेकिन धीरे- धीरे बदलाव आए। और, फिर ब्लाउज पहनना महिलाओं के बीच आम हो गया। लेकिन ऐसा एक रात में नहीं हो गया था। आपको आज भी पूरे भारत में महिलाओं की साड़ी और उनके ब्लाउज अलग देखने के लिए मिलेंगे। और, सालों पहले भी हर राज्य की महिलाएं साड़ी को अलग तरीके से पहनती थीं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@ananyapanday)


ब्लाउज से पहले क्या पहनती थीं महिलाएं? image

सुपर स्टाइलिश ब्लाउज से पहले अंतरिया और उत्तरीय से महिलाएं और पुरुष भी अपने शरीर को ढकते थे। यह मात्र एक बिना सिला हुआ कपड़ा होता था। उत्तरीय अपर बॉडी को ढकने के लिए इस्तेमाल होता था। जबकि अंतरिया से शरीर के निचले हिस्से को ढका जाता था। और, स्तन पत्ता ब्रेस्ट को ढकने के लिए इस्तेमाल होता था। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@janhvikapoor)



भारत में कब आया ब्लाउज का कॉन्सेप्ट? image

18वीं सदी से पहले ब्लाउज की परिभाषा बहुत अलग थी। लेकिन ब्रिटिश राज के आगमन से ब्लाउज बदलते चले गए। ब्लाउज के साथ पेटीकोट पहनने के बारे में भी तब बात होने लगी। लेकिन महिलाओं को उस वक्त तक ब्लाउज का आइडिया पता नहीं चला था। भारत में ब्लाउज के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाने का क्रेडिट रवींद्रनाथ टैगोर की भाभी को जाता है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@ananyapanday)


रवींद्रनाथ टैगोर की भाभी के क्या कनेक्शन image

ज्ञानदानंदिनी देवी रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी थीं। उन्होंने ब्लाउज और कमीज को महिलाओं के बीच फेमस बनाया। कहा जाता है कि ज्ञानदानंदिनी को ब्रिटिश राज को दौरान क्लब में एंट्री देने से मना कर दिया गया था। और, इसके पीछे की वजह थी उनका साड़ी के साथ ब्लाउज न पहनना। यहीं से ब्लाउज की बात शुरू हुई और फिर बाकी महिलाएं भी ब्लाउज को पहनने लगीं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@ananyapanday)




साड़ी ड्रेप करने की भी ट्रेनिंग image

सिर्फ ब्लाउज की नहीं, ज्ञानदानंदिनी देवी ने महिलाओं को साड़ी बांधने के नए तरीके से बारे में भी बताया। वो दर्जनों महिलाओं को एक साथ बुलाकर साड़ी को कैसे ड्रेप कर सकते हैं यह बताती थीं। ब्रह्मिका साड़ी बांधने का तरीका भी ज्ञानदानंदिनी देवी ने ही महिलाओं को बताया। और, आज तक भारत की महिलाएं साड़ी को अलग- अलग तरीकों से ड्रेप कर रही हैं। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@mahirasharma)


प्रिंयका चोपड़ा भी पहन चुकी हैं बिना ब्लाउज के साड़ी​


अब दर्जनों डिजाइन वाले ब्लाउज हैं मौजूद image

ब्लाउज का इतिहास जान जब आप इसके शानदार डिजाइन देखेंगे तो 'वाह' बोल उठेंगे। हॉल्टर नेकलाइन वाले ब्लाउज से लेकर स्लीवलेस तक, अब आपको दर्जनों डिजाइन भारत में मिल जाएंगे। जो न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी महिलाएं भी साड़ी के साथ पहनती हैं।







ब्लाउज अब सिर्फ एक अटायर नहीं है। भारत के कल्चर का हिस्सा बन गया है। जवान लड़कियों से लेकर बूढ़ी औरतों तक, आपको हर ऐज ग्रुप की महिलाएं अलग- अलग ब्लाउज में नजर आ जाएंगी। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@ananyapanday, khushikapoor, rashmika mandanna)

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