मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। शनिवार को मऊ कोर्ट ने हेट स्पीच केस में सजा का ऐलान किया। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी और उसके चाचा मंसूर अंसारी को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल और मंसूर अंसारी को मामले में छह माह की सजा सुनाई। उन पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो साल या अधिक की सजा सुनाए जाने के साथ ही अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता अपने आप समाप्त हो गई है।
अब आगे क्या होगा?कोर्ट के सजा के ऐलान के बाद फैसले की कॉपी विधानसभा सचिवालय भेजी जाएगी। हालांकि, कोर्ट के सजा सुनाए जाने के साथ ही सुभासपा विधायक की विधायकी खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब निगाहें यूपी विधानसभा सचिवालय पर टिक गई हैं। विधानसभा सचिवालय अब शीघ्र ही अब्बास अंसारी की मऊ सीट को रिक्त घोषित करेगा। इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय की ओर से चुनाव आयोग को दी जाएगी। माना जा रहा है कि सोमवार को यूपी सचिवालय की ओर से कोई घोषणा हो सकती है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नियमानुसार खाली सीट को भरने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, कानून के मुताबिक कोर्ट का निर्णय आने के साथ ही विधायक की सदस्यता खत्म हो चुकी है। कोर्ट के फैसले की तिथि से ही सदस्यता खत्म मानी जाएगी।
फैसले को दे सकते हैं चुनौतीअब्बास अंसारी इस फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, वह विधानसभा सदस्यता जाने को चुनौती नहीं दे सकते हैं। वह हेट स्पीच केस में दो साल की सजा सुनाए जाने को चुनौती देंगे। अब्बास के वकील का दावा है कि जल्द ही मामले को हाई कोर्ट में ले जाया जाएगा। इस फैसले पर रोक के लिए अपील होगी। उनकी कोशिश अब विधानसभा सदस्यता दोबारा बहाल कराने के लिए कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की होगी।
अब्बास के चाचा और गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी को पिछले कार्यकाल के दौरान मुख्तार अंसारी के साथ गैंगस्टर केस में चार साल की सजा हुई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। मामले में वे सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से राहत मिलने के बाद उनकी सांसदी एक बार फिर बहाल हो गई थी। कुछ इसी प्रकार का प्रयास अब्बास कर सकते हैं।
अब आगे क्या होगा?कोर्ट के सजा के ऐलान के बाद फैसले की कॉपी विधानसभा सचिवालय भेजी जाएगी। हालांकि, कोर्ट के सजा सुनाए जाने के साथ ही सुभासपा विधायक की विधायकी खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब निगाहें यूपी विधानसभा सचिवालय पर टिक गई हैं। विधानसभा सचिवालय अब शीघ्र ही अब्बास अंसारी की मऊ सीट को रिक्त घोषित करेगा। इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय की ओर से चुनाव आयोग को दी जाएगी। माना जा रहा है कि सोमवार को यूपी सचिवालय की ओर से कोई घोषणा हो सकती है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नियमानुसार खाली सीट को भरने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, कानून के मुताबिक कोर्ट का निर्णय आने के साथ ही विधायक की सदस्यता खत्म हो चुकी है। कोर्ट के फैसले की तिथि से ही सदस्यता खत्म मानी जाएगी।
फैसले को दे सकते हैं चुनौतीअब्बास अंसारी इस फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, वह विधानसभा सदस्यता जाने को चुनौती नहीं दे सकते हैं। वह हेट स्पीच केस में दो साल की सजा सुनाए जाने को चुनौती देंगे। अब्बास के वकील का दावा है कि जल्द ही मामले को हाई कोर्ट में ले जाया जाएगा। इस फैसले पर रोक के लिए अपील होगी। उनकी कोशिश अब विधानसभा सदस्यता दोबारा बहाल कराने के लिए कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की होगी।
अब्बास के चाचा और गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी को पिछले कार्यकाल के दौरान मुख्तार अंसारी के साथ गैंगस्टर केस में चार साल की सजा हुई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। मामले में वे सुप्रीम कोर्ट गए। वहां से राहत मिलने के बाद उनकी सांसदी एक बार फिर बहाल हो गई थी। कुछ इसी प्रकार का प्रयास अब्बास कर सकते हैं।
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