नई दिल्ली: सिखों के पहले गुरु नानक देवजी के प्रकाश पर्व को भव्य और धूमधाम से मनाने के लिए देश भर में तैयारियां जोरों पर हैं। गुरुद्वारों को 5 नवंबर प्रकाश पर्व के लिए कहीं लाइटों से सजाया गया है तो कहीं गुलाब और तरह तरह से फूलों से सजाया गया है। इस कड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी की ओर से हर साल की तरह इस साल भी पहली पातशाही गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा बंगला साहिब के सरोवर के किनारे सिख साहित्य और चित्रों की प्रदर्शनी शनिवार से शुरू की गई।   
   
गुरुद्वारा बंगला साहिब में खास प्रदर्शनी
गुरुद्वारा बंगला साहिब के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी रंजीत सिंह ने अरदास की। इसके बाद प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह काहलों और धर्म प्रचार चेयरमैन जसप्रीत सिंह करमसर ने बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी की ओर से हर साल गुरुपर्व के अवसर पर यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है।
   
इस उद्देश्य से हो रही प्रदर्शन
इसका उद्देश्य सिख संगत, विशेषकर सिख स्टूडेंट्स को अपने साहित्य और समृद्ध विरासत के बारे में बताना है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में विश्व स्तर के प्रकाशकों की पुस्तकें शामिल की गई है। हर साल लाखों रुपये मूल्य की पुस्तकें यहां साहित्य प्रेमियों द्वारा खरीदी जाती हैं और आगे सिख संगत में वितरित भी की जाती है।
   
क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व, गुरु पूरब कहा जाता है। इस दिन सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। प्रकाश पर्व हर साल गुरुनानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। इस दिन सिख समुदाय के लिए लोग सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं व कीर्तन करते हैं। गुरु पर्व पर चारों ओर दीप जला कर रोशनी की जाती है।
   
   
  
गुरुद्वारा बंगला साहिब में खास प्रदर्शनी
गुरुद्वारा बंगला साहिब के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी रंजीत सिंह ने अरदास की। इसके बाद प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह काहलों और धर्म प्रचार चेयरमैन जसप्रीत सिंह करमसर ने बताया कि दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी की ओर से हर साल गुरुपर्व के अवसर पर यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है।
इस उद्देश्य से हो रही प्रदर्शन
इसका उद्देश्य सिख संगत, विशेषकर सिख स्टूडेंट्स को अपने साहित्य और समृद्ध विरासत के बारे में बताना है। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में विश्व स्तर के प्रकाशकों की पुस्तकें शामिल की गई है। हर साल लाखों रुपये मूल्य की पुस्तकें यहां साहित्य प्रेमियों द्वारा खरीदी जाती हैं और आगे सिख संगत में वितरित भी की जाती है।
क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व, गुरु पूरब कहा जाता है। इस दिन सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। प्रकाश पर्व हर साल गुरुनानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। इस दिन सिख समुदाय के लिए लोग सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं। गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं व कीर्तन करते हैं। गुरु पर्व पर चारों ओर दीप जला कर रोशनी की जाती है।
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